नारद जयंती (27 मई) पर विशेष: लोकमंगल के संचारकर्ता हैं नारद
प्रो. संजय द्विवदी ब्रम्हर्षि नारद लोकमंगल के लिए संचार करने वाले देवता के रूप में हमारे सभी पौराणिक ग्रंथों में एक अनिवार्य उपस्थिति हैं। वे तीनों लोकों में भ्रमण करते हुए…
प्रो. संजय द्विवदी ब्रम्हर्षि नारद लोकमंगल के लिए संचार करने वाले देवता के रूप में हमारे सभी पौराणिक ग्रंथों में एक अनिवार्य उपस्थिति हैं। वे तीनों लोकों में भ्रमण करते हुए…
यह डिजीटल समय है,जहां सूचनाएं, संवेदनाएं, सपने-आकांक्षाएं, जिंदगी और यहां तक कि कक्षाएं भी डिजीटल हैं। इस कठिन कोरोना काल ने भारत को असल में डिजीटल इंडिया बना दिया है।…
संवाद, संचार और बातचीत की कला किसी का भी दिल जीत सकती है। इसके प्रभावों का आकलन नहीं किया जा सकता। किंतु किसी व्यक्ति की सफलता उसकी संवादकला ही तय…
कोविड-19 के इस दौर ने हर किसी को किसी न किसी रूप में गंभीर रूप से प्रभावित किया है। किसी ने अपना हमसफर खोया है तो किसी ने अपने घर-परिवार…
यह सृष्टि का अक्षय पर्व है। पृथ्वी से अन्न पाने की अनुमति का समय है। पितरों को पुण्यलाभ प्रदान करने की योजना है। कलियुग की कल्पतिथि है। यह जीवन को…
भारत में ऐसा क्या है जो उसे खास बनाता है? वह कौन सी बात है जिसने सदियों से उसे दुनिया की नजरों में आदर का पात्र बनाया और मूल्यों को सहेजकर रखने…
वे ही थे जो खिलखिलाकर मुक्त हंसी हंस सकते थे, खुद पर भी, दूसरों पर भी। भोपाल में उनका होना एक भरोसे और आश्वासन का होना था। ठेठ बुंदेलखंडी अंदाज…
आधुनिकता के रंग में रंगते लोगों ने हमारे समाज से बहुत कुछ छीन लिया है। समानता के अधिकार की आड़ में छोटे—बड़े के लिहाज और सम्मान कब गायब हो गया…
प्रकृति, जीवन में आज तक हमारी अमीरी, गरीबी, आचरण, व्यवहार, तर्क, बुद्धिमत्ता और जीवनस्तर आदि की परीक्षा लेती रही है किन्तु अब वह पूरजोर ढंग से हमारी जीवटता को, हमारे…
संघ के सरकार्यवाह के रूप में 12 साल का कार्यकाल पूरा कर जब भैयाजी जोशी विदा हो रहे हैं, तब उनके पास एक सुनहरा अतीत है, सुंदर यादें हैं और…