Emergency: इन्दिरा गाँधी की तानाशाही की एक स्मृति

Emergency: भारत में आपातकाल लगे छह महीने बीत चुके थे। इन्दिरा गाँधी (Indira Gandhi) ने पूरे देश को सदा के लिये लोकतन्त्र विहीन करने का मन बना लिया था। राष्ट्रपति…

International Yoga Day: हमारे ऋषियों ने दिया था योग से निरोग रहने का मंत्र

International Yoga Day: योग आश्चर्यजनक है। इसके परिणाम गणित के सूत्रों जैसे सत्य सिद्ध हैं। यह भारत का प्राचीन विज्ञान है। षटदर्शन में योग भी है। इसकी स्वीकृति अंतरराष्ट्रीय है।…

Hindu Samrajya Diwas: सुशासन, समरसता और सामाजिक न्याय से जीता जनविश्वास

Hindu Samrajya Diwas: शिवाजी का नाम आते ही शौर्य और साहस की प्रतिमूर्ति का एहसास होता है। अपने सपनों को सच करके उन्होंने खुद को न्यायपूर्ण प्रशासक रूप में स्थापित…

Pt. Madhavrao Sapre: हिंदी नवजागरण के अग्रदूत का जरूरी है स्मरण

पंडित माधवराव सप्रे, हिंदी पत्रकारिता और साहित्य में लगभग भुला दिए गए महानायक हैं। भारतबोध और भारतीयता के सबसे प्रखर प्रवक्ता स्प्रे हमारे स्व को जगाने वाले लेखक हैं। हिंदी…

Ayodhya Mandate: अयोध्या पर आक्रोश कितना उचित?

Ayodhya Mandate: लोकसभा के लिए अयोध्या का चुनाव-परिणाम जितना अप्रत्याशित था, उतना चर्चित भी हुआ। यह पहला उदाहरण था, जिसमें चुनाव में हार के लिए किसी जनपद को धिक्कारने की,…

RSS-BJP Conflict: संघ को गुस्सा क्यों आया

RSS-BJP Conflict: जीवन में प्रतिज्ञा का बड़ा महत्व होता है। प्रतिज्ञा से बधा हुआ व्यक्ति कभी अपने कर्तव्य को विस्मृत नहीं करता। अयोध्या नरेश दशरथ के ज्येष्ठ पुत्र श्रीराम ने…

सूखती नदियां, बढ़ता तापमान, हाय रे इंसान

प्रकृति का प्रत्येक अंश और अंग परस्परावलम्बन में है। सब एक दूसरे पर आश्रित हैं। न जल स्वतंत्र है और न ही हवा। वनस्पतियां औषधियां भी स्वतंत्र नहीं हैं। लाखों…

‘इंडिया’ की आंखों से भारत को मत देखिए!

आजकल राष्ट्रीयता, भारतीयता, राष्ट्रत्व और राष्ट्रवाद जैसे शब्द चर्चा और बहस के केंद्र में है। ऐसे में यह जरूरी है कि हम भारतीयता पर एक नई दृष्टि से सोचें और…

World Blood Donor Day: रक्तदान कर जीवन रक्षा का पुण्य कमाएं

World Blood Donor Day: जीवन में हर किसी को कभी न कभी परिजनों, रिश्तेदारों, दोस्तों या पड़ोसियों के लिए विशेष परिस्थितियों में रक्त (ब्लड) की आवश्यकता पड़ती ही है। कई…

हिन्दू धार्मिक आस्था का उपहास

क्षणिक राजनीतिक उलटफेर को देखकर भारत के कुछ लोग बड़ी भूल कर बैठते हैं। वह नहीं जानते कि धार्मिक आस्था का उपहास बहुत भारी पड़ता है। जातीय अपमान यदि प्राणलेवा…