Acharya Vishnu Hari Saraswati
आचार्य श्री हरि

सिखों का दिमाग खराब हो गया है, सिखों की पूरी पीढ़ी हिन्दू विरोधी हो गयी है। आप पंजाब में जाकर देखिये और किसी हिन्दू की पीड़ा सुनिये। किसी गुरुद्वारा कमिटी ने कनाडा के हिन्दू मंदिर सभा पर हुए हमले के खिलाफ बोला तक नहीं है। कनाडा के हिन्दुओं ने कुछ यक्ष प्रश्न उठायें हैं। क्रिया की विपरीत प्रतिक्रिया भी होती है। हिन्दुओं ने प्रतिक्रिया दी है।

हिन्दुओं का कहना है कि फिर हमें गुरुद्वारा क्यों जाना चाहिए? गुरुद्वारा जाने वाले अधिकतर हिन्दू होते हैं। हमें गुरुद्वारा का बहिष्कार करना चाहिए। क्योंकि किसी गुरुद्वारा की प्रबंधक कमिटी और किसी सिख महात्माओं ने हिन्दुओं पर हमले के खिलाफ एक शब्द भी नहीं बोला है। सिख दंगों को लोग याद तो करते हैं पर सिख आतंकवाद के दौरान पंजाब में हुई पचास हजार से अधिक हिन्दुओं की हत्या की बात कोई क्यों नहीं करता है? सिख आतंकवाद के दौरान सिख आतंकवादी बसों से खीच-खीच कर और पंच निष्ठा देख-देख कर हिन्दुओं की हत्या करते थे। सिख आतंकवादियों ने हजारों हिन्दू मंदिरों को अपमानित और खंडित किये थे। फिर भी हिन्दू सिखों के प्रति दुश्मनी नहीं पाली थी।

आज पंजाब पूरी तरह से मुस्लिम जिहादियों और ईसाइयों के चंगुल में फंस चुका है। बड़े पैमाने पर धर्मांतंरण हुआ है। मस्जिदों और चर्चों से पंजाब पट चुका है। हाल के दिनों में पंजाब में हजारें नयी मस्जिदें और नये चर्च बनें हैं। सिख लालच और आकर्षण में मुस्लिम और ईसाई बन रहे हैं। पंजाब के हर बड़े शहरों में मुस्लिम आबादी बढ़ रही है, इस्लाम नगर, मुस्लिम नगर, अल्ला कालोनी और सफदर नगर नाम की कालोनियां और नगर बस रहे हैं। सिर्फ जालंधर, लुधियाना और अमृतसर में पिछले पांच साल में दस लाख मुस्लिम आबादी बाहर से जाकर बसी है। ये सरदार जिहादियों को खाना खिलाने के लिए दौड़ पड़ते हैं। जबकि जिहादियों को खाना खिलाने और उनका पालन पोषण करने की स्वीकृति किसी धर्म में नहीं है। आज सरदार मुस्लिमो और ईसाइयों से लड़ने की जगह हिन्दुओं से लड़ना शुरू कर दिया है और हिन्दुओं के संहार पर चल निकला है। हिन्दू मंदिरों पर हमला करने वाले सिख आतंकवादी हैं तो फिर इनके खिलाफ कोई गुरुद्वारा कमिटी बोलती क्यों नहीं है?

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हिन्दुओं को भी अब सरदारों से सावधान रहना चाहिए और गुरुद्वारा जाना बंद कर देना चाहिए। गुरु नानक और गुरु गोविन्द सिंह के प्रति सम्मान दिखाने की जरूरत नहीं है। क्योंकि सिख भी अब मुस्लिमों की राह पर चल निकले हैं और हमारे लिए मुस्लिमों की तरह ये भी हिंसक और जहरीले हैं। हिन्दू नहीं बचेंगे तो फिर क्या सिख, बौद्ध, पारसी बच जायेंगे? ये मुस्लिम नरभक्षी हिन्दुओं के चबाने के बाद सिखों और बौद्धों आदि को तो सीधे निगल जायेंगे। प्रतिक्रिया ही अस्तित्व की रक्षा करती है।

(लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं।)

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