Basti: पुरुष प्रधान समाज में महिलाओं की क्या हैसियत है, इसे आप उत्तर प्रदेश के बस्ती जनपद में महिला नायब तहसीलदार की साथ हुई हैवानियत की घटना से समझ सकते हैं। बस्ती जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक दोनों पुरुष हैं, शायद यही वजह है कि दुष्कर्म और हत्या के प्रयास के आरोपी नायब तहसीलदार घनश्याम शुक्ला को बचाने का प्रयास किया जा रहा है। घटना दीपावली की रात की है। बस्ती सदर में तैनात महिला नायब तहसीलदार और समकक्ष अधिकारी घनश्याम शुक्ला का सरकारी आवास अगल-बगल है। आरोप है कि दिवाली की रात घनश्याम शुक्ला महिला नायब तहसीलदार के घर में जबरन घुसकर उनके साथ दुष्कर्म का प्रयास किया। महिला अधिकारी की तरफ से विरोध करने पर उनके साथ न सिर्फ मारपीट की बल्कि जान से मारने का प्रयास भी किया।
योगी राज में महिला अधिकारियों की आबरू खतरे में आ गई है। बस्ती सदर महिला नायब तहसीलदार को दुष्कर्म और हत्या के प्रयास के मामले में मुख्यमंत्री से इंसाफ की गुहार लगाने के बावजूद भी आरोपी धनश्याम शुक्ला की नहीं हो रही गिरफ्तारी। @myogiadityanath @CMOfficeUP @ChiefSecyUP pic.twitter.com/Ldm8rPCput
— News Chuski (@Newschuski) November 20, 2023
पीड़िता की लिखित तहरीर के बावजूद भी बस्ती कोतवाली पुलिस ने मुकदमा दर्ज की जगह मामले को दबाने में जुट गई। वहीं बीजेपी एमएलसी देवेंद्र प्रताप सिंह ने जब मामले को ट्वीट कर सरकार के संज्ञान में लाने का प्रयास किया, तब जाकर कोतवाली पुलिस ने पीड़िता का मेडिकल कराकर आरोपी नायब तहसीलदार घनश्याम शुक्ला के खिलाफ गंभीर धाराओं में केस दर्ज किया। 376 जैसे गंभीर धारा में मुकदमा दर्ज होने के बावजूद आरोपी की गिरफ्तारी न होने पर बस्ती पुलिस के साथ जिला प्रशासन पर सवाल उठने लगे हैं। बीजेपी एमएलसी देवेंद्र प्रताप सिंह ने बस्ती जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक पर आरोपी को बचाने का आरोप लगाया है।
वहीं पीड़िता नायब तहसीलदार ने वीडियो जारी कर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से इंसाफ की गुहार लगाई है। पीड़िता ने बस्ती पुलिस अधीक्षक और जिलाधिकारी की निष्क्रियता पर भी सवाल उठाए हैं। महिला तहसीलदार का वीडियो सोशल मीडिया पर आने के बाद लोगों का आक्रोश भड़क गया है। साथ ही योगी सरकार के सुशासन की पोल भी जनता के सामने खुल गई है। जिस सरकार में उच्च पद पर बैठी महिला अधिकारी की आबरू नहीं सुरक्षित है, वहां आम महिलाओं के साथ इंसाफ की बात करना बेमानी है।
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बता दें कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तरफ से महिला अपराधों को रोकने के लिए पिंक बूथ खोलने सहित तमाम प्रयास किए गए हैं। मगर भ्रष्ट पुलिस कर्मियों और चौपट नौकरशाही के चलते ये सारे प्रयास हाथी दांत साबित हो रहे हैं। शिकायत दर्ज कराने के लिए फरियादियों को उच्च अधिकारियों के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं, वहीं अगर किसी तरह मामला दर्ज भी हो गया, तो आगे की कार्रवाई होना टेढ़ी खीर साबित हो रही है।
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