Bareilly News: बरली जनपद के कोतवाली क्षेत्र में गुरुवार को एक फर्जी दारोगा पकड़ा गया है। लखनऊ के एक ओला चालक ने बरेली की महिला वकील से फेसबुक पर फर्जी दारोगा बनकर दोस्ती की। इसके बाद शादी की बात को लेकर दारोगा की वर्दी पहनकर महिला वकील के पास पहुंच गया। दरोगा को देखकर महिला वकील को शक हो गया और उसने उससे सीआरपी धाराएं पूछ ली, जिसका वह जवाब नहीं दे पाया। इसके बाद उसे कोतवाली पुलिस को सौंप दिया गया। पुलिस आरोपी फर्जी दारोगा से पूछताछ कर रही है। कोतवाली पुलिस ने फर्जी दरोगा सत्यम तिवारी के खिलाफ मुकदमा लिखने की तैयारी शुरू कर दी है।
महिला वकील के अनुसार फर्जी दरोगा सत्यम तिवारी से उसकी मुलाकात सोशल मीडिया के जरिए हुई थी। फेसबुक पर सत्यम ने उसे बताया कि वह लखनऊ के हजरतगंज में दरोगा के पद पर तैनात है। उसने महिला अधिवक्ता से शादी करने की इच्छा जाहिर की। उसने बताया कि वह वर्ष 2016 में पुलिस को ज्वाइन किया है। महिला अधिवक्ता ने सत्यम से कहा कि आप हमारे लिए अजनबी हो। इसलिए एक बार बरेली उसके घर आ जाओ। इसके बाद हम आपके घर रिश्ता लेकर आते हैं। इस पर सत्यम ने बताया कि उसके मां-बाप की मौत एक कार एक्सीडेंट में मौत हो चुकी है। उसे उसके मामा ने उसे पाला पोसा है। वह बड़ी मेहनत के बाद दरोगा बन पाया है। इसके बाद महिला ने सत्यम को बरेली आकर उसे देख जाने को कहा।
सत्यम गुरुवार की सुबह करीब 8 बजे लखनऊ से अकाल तख्त एक्सप्रेस से बरेली पहुंचा। बरेली पहुंचने पर अधिवक्ता को उस पर शक हो गया, उसने सत्यम से उसकी आईडी मांगी। उसने सत्यम से पूछा कि आपको किसी केस की विवेचना मिलती है, तो उसे कैसे हल करते हैं। इसके अलावा उसने पूछा कि धारा- 61 – 64 क्या होती है। वह यह भी नहीं बता पाया। फर्जी दरोगा को यह भी नहीं पता था कैसे विवेचना और पत्ता काटा जाता है। महिला अधिवक्ता को शक होने पर उसने अपने जानने वाले दरोगा के पास सत्यम तिवारी के आईकार्ड के साथ अन्य प्रूफों को भेजा और पूछा क्या यह दस्तावेज सही है। बाद में उसके जानने वाले दरोगा पुलिस लाइन पहुंचे और सत्यम को भी वहीं बुला लिया। सत्यम ने बताया कि पुलिस लाइन में उसकी परिचित रेखा नाम की एक दरोगा है। वह उनसे मिलने पुलिस लाइन आया है।
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सत्यम तिवारी के पुलिस लाइन पहुंचने पर अधिवक्ता के जानने वाले दरोगा ने उससे पूछा 3 /25 की पत्रावली कैसे बनाई जाती है। इसमें क्या लिखते हो। इस पर वह जवाब नहीं दे पाया और भागने की कोशिश करने लगा। मजे की बात यह है कि उस समय सत्यम पुलिस की प्रॉपर ड्रेस में था। उससे सवाल किया गया कि उसे पुलिस की ड्रेस में आने की क्या जरूरत थी। महिला अधिवक्ता ने बताया कि उसकी फर्जी दरोगा से मुलाकात फेसबुक पर हुई थी। दरोगा ने उसे बनारस का रहने वाला बताया था और लखनऊ के हजरतगंज में अपनी पोस्टिंग बताई थी। फिलहाल उसने मामले की शिकायत पुलिस से नहीं की है। वहीं फर्जी दरोगा को पुलिस हिरासत में ले लिया है।
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