History of India: चाटुकार इतिहासकारों ने इतिहास (history of india) के साथ जो छेड़छाड़ की है, उसे सुधारने की जरूरत लंबे समय से महसूस की जा रही है। चाटुकारिता में अंधे हो चुके इतिहासकारों ने उन नामों पर पर्दा डाल दिया, जो सच्चे भारतीय थे, भारतीय संस्कृति के धरोहर थे। गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने ‘तोड़-मरोड़’ कर पेश किए गए इतिहास (history of india) को सुधारकर उसे फिर से लिखने से लिखने की बात कही है। उन्होंने कहा, ऐसा करने से कोई नहीं रोक सकता है। शाह (Amit Shah) ने कहा कि इतिहासकारों और छात्रों को भारत के विभिन्न हिस्सों में 150 साल से ज्यादा शासन करने वाले 30 साम्राज्यों और देश की स्वतंत्रता के लिए बलिदान देने वाली 300 से अधिक विभूतियों पर शोध कर सच्चा इतिहास (history of india) लिखना चाहिए।
केंद्रीय गृह मंत्री (Amit Shah) ने कहा, ‘‘अगर लचित बोड़फूकन न होते तो पूर्वोत्तर भारत का हिस्सा न होता, क्योंकि उस समय उनके लिए गए निर्णयों और उनके साहस ने न केवल पूर्वोत्तर बल्कि पूरे दक्षिण एशिया को धर्मांध आक्रांताओं से बचाया था।’’ लचित बोरफुकन के उस पराक्रम का उपकार पूरे देश, सभ्यता और संस्कृति पर है, जिस पर (history of india) हर भारतवासी को नाज होना चाहिए। अमित शाह अहोम साम्राज्य के महान जनरल लचित बोड़फूकन की 400वीं जयंती पर आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए यह बयान दिया।
उन्होंने असम के मुख्यमंत्री डॉ हिमंत बिश्व शर्मा से अनुरोध किया कि लचित बोड़फूकन के चरित्र का हिन्दी और देश की 10 अन्य भाषाओं में अनुवाद किया जाए, ताकि देश का हर बच्चा उनके साहस और बलिदान से परिचित हो सके। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में वर्तमान सरकार देश के गौरव के लिए किए गए किसी भी पुरुषार्थ की पक्षधर है। हमें देश के इतिहास (history of india) को तोड़ मरोड़ कर पेश किए जाने वाले विवाद से बाहर निकलकर इतिहास (history of india) को गौरवमयी बनाकर पूरे संसार के सामने प्रस्तुत करना चाहिए।
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उन्होंने कहा, अक्सर शिकायतें मिलती रहती हैं कि हमारे इतिहास (history of india) को तोड़ा-मरोड़ा गया है, उसके वास्तविकता के साथ छेड़छाड़ की गई है। इन आरोपों को नजरंदाज नहीं किया जा सकता। ये आरोप सच भी हो सकते हैं। लेकिन अब उन्हें सुधारने से कौन रोक रहा है? अब हमें सच्चा इतिहास लिखने से कौन रोक सकता है? अमित शाह ने इतिहासकारों और छात्रों से कहा कि उन्हें भारत के विभिन्न हिस्सों में 150 साल से ज्यादा शासन करने वाले 30 साम्राज्यों और देश की स्वतंत्रता के लिए बलिदान देने वाली 300 से अधिक विभूतियों पर शोध करके सच्चा इतिहास (history of india) लिखना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘इससे नया और सही इतिहास लोगों के सामने आएगा और सच के सामने असत्य अपने आप इतिहास से अलग हो जाएगा।
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