AI in Indian Parliament: भारत की संसद ने एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए अपने कामकाज को डिजिटल युग में प्रवेश दिला दिया है। लोकसभा सचिवालय ने ऐसे कई डिजिटल और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) आधारित बदलाव लागू किए हैं, जो न सिर्फ सांसदों के लिए बल्कि आम जनता के लिए भी पारदर्शिता, समावेशिता और पहुंच को बेहतर बनाएंगे।

सांसदों के लिए डिजिटल उपस्थिति प्रणाली

अब संसद के मानसून सत्र की शुरुआत से ही सांसद अपनी उपस्थिति दर्ज कराने के लिए मल्टीमीडिया डिवाइस (MMD) का उपयोग करेंगे। ये डिवाइस प्रत्येक सांसद की सीट पर लगाए गए हैं। इससे समय की बचत होगी और पारंपरिक प्रक्रिया की जटिलता कम होगी।

12 भारतीय भाषाओं में उपलब्ध होंगे दस्तावेज

एक और बड़ा बदलाव यह है कि लोकसभा की कार्यवाही से जुड़ी सभी जरूरी कागजात और एजेंडा पेपर्स अब 12 भारतीय भाषाओं में उपलब्ध होंगे। इन भाषाओं में असमिया, बंगाली, हिंदी, अंग्रेजी, गुजराती, कन्नड़, मलयालम, मराठी, उड़िया, पंजाबी, तमिल और तेलुगू शामिल हैं। AI-पावर्ड ट्रांसलेशन टूल्स की मदद से ये दस्तावेज डिजिटल संसद पोर्टल पर रियल-टाइम में जारी किए जाएंगे। इससे देश के अलग-अलग भाषाई समुदायों के लोग संसद की कार्यवाही को बेहतर तरीके से समझ सकेंगे।

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AI-बेस्ड स्पीच-टू-टेक्स्ट ट्रांसक्रिप्शन

लोकसभा सचिवालय ने इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के साथ मिलकर एक AI-आधारित स्पीच-टू-टेक्स्ट ट्रांसक्रिप्शन सिस्टम भी लॉन्च किया है। संसद भाषिणी मॉडल पर आधारित यह प्रणाली संसद की कार्यवाही को पहले से कहीं अधिक तेज़ी और सटीकता से रिकॉर्ड करेगी। यह सिस्टम कई भाषाओं को सपोर्ट करता है और भविष्य में यह संसद में होने वाली बहसों और चर्चाओं के रियल-टाइम दस्तावेज के रूप में काम करेगा।

पारदर्शिता और सुगमता की दिशा में बड़ा कदम

लोकसभा के इन बदलावों से साफ है कि संसद अब एक ऐसे युग में प्रवेश कर रही है जहां तकनीक प्रतिनिधियों और नागरिकों के बीच सेतु का काम करेगी। AI और डिजिटल टूल्स को अपनाकर लोकसभा ने समावेशी, पारदर्शी और कुशल विधायी कार्य के लिए एक मिसाल कायम की है।

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