Aditya L1 Launching: चंद्रयान-2 की सफल लैंडिंग के बाद भारतीय स्पेस एजेंसी इसरो अब सूर्य के रहस्य को सुलझाने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। भारत का पहला सूर्य मिशन अपने सफर के लिए पूरी तरह तैयार है और कुछ ही घंटों में रवाना भी हो जाएगा। भारतीय स्पेस एजेंसी इसरो शनिवार सुबह 11.50 मिनट पर आदित्य L1 सैटेलाइट को लॉन्च करेगा। इसकी लांचिंग आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से होगी। जानकारी के मुताबिक स्पेस के पांच लैंग्रेज पॉइंट्स में एक पॉइंट-1 पर इसे स्थापित किया जाएगा और इसके लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली गई है। उधर मिशन सूर्ययान आदित्य L1 की सफल लांचिंग के लिए पूरे देश में पूजा-पाठ व यज्ञ किया जा रहा है। आदित्य L1 की लांचिंग देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग श्रीहरिकोटा पंहुच रहे हैं।
Here is the brochure: https://t.co/5tC1c7MR0u
and a few quick facts:
🔸Aditya-L1 will stay approximately 1.5 million km away from Earth, directed towards the Sun, which is about 1% of the Earth-Sun distance.
🔸The Sun is a giant sphere of gas and Aditya-L1 would study the… pic.twitter.com/N9qhBzZMMW— ISRO (@isro) September 1, 2023
सूत्रों के मुताबिक, पीएसएलवी रॉकेट की मदद से आदित्य L1 अपने डेस्टिनेशन के लिए उड़ान भरेगा। वहीं मिशन की लॉन्चिंग के लिए पीएसएलवी रॉकेट के XL वर्जन का इस्तेमाल किया जाएगा। बता दें कि अभी हाल में ही भारत चांद के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने वाला दुनिया का पहला देश बना है। चंद्रयान-2 की सफलता के बाद ही इसरो ने सूर्य मिशन का एलान कर दिया था। आदित्य, जिसका अर्थ “सूर्य” होता है। इसे पृथ्वी से करीब 15 लाख किलोमीटर (930,000 मील) दूर अंतरिक्ष के एक क्षेत्र में लैंग्रेज बिंदु-1 पर स्थापित किया जाएगा। यहां से भारत लगातार सूरज निगरानी कर सकेगा। सूर्य ऑब्जर्वेटरी मिशन को 2 सितंबर को सुबह 11 बजकर 50 मिनट पर श्रीहरिकोटा स्पेसपोर्ट के दूसरे लॉन्च पैड से लॉन्च किया जाएगा।
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125 दिन में डेस्टिनेशन पर पहुंचेगा आदित्य L1
इसरो के अध्यक्ष एस सोमनाथ के मुताबिक सूर्य मिशन को अपने डेस्टिनेशन तक पहुंचने में 125 दिन लगेंगे। आदित्य-एल1 पेलोड कोरोनल हीटिंग, कोरोनल मास इजेक्शन (सीएमई), प्री-फ्लेयर और फ्लेयर गतिविधियों और उनकी विशेषताओं, गतिशीलता और अंतरिक्ष मौसम की समस्याओं को समझने के लिए अहम जानकारी देगा। सब कुछ ठीक ठाक रहा तो सैटेलाइट रोजाना 1400 से ज्यादा तस्वीरे इसरो को भेजेगा, जिससे रियल टाइम में सूरज की गतिविधियों की जानकारी मिलती रहेगी।
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