मुंबई: सदन की अपनी मर्यादा होती है। लेकिन दुर्भाग्य है कि इस मार्यादा को खंडित करने वाला कोई और नहीं बल्कि जनता द्वारा चुना गया माननीय होता है। ये वहीं माननीय हैं, जिन्हें उनकी क्षेत्र की जनता बाखूबी समझती है। लेकिन सदन के अंदर इन माननीयों को यह जरा भी भान नहीं रहता कि उनकी हरकतों को पूरा देश देख रहा है। वहीं महाराष्ट्र विधानसभा में आज अभद्रता करने के आरोप में स्पीकर ने भारतीय जनता पार्टी के 12 विधायकों को एक साल तक के लिए निलंबित कर दिया है। इन सभी विधायकों पर सदन में हंगामा करने का आरोप है। नीलंबित किए गए बीजेपी विधायकों में संजय कुटे, आशीष शेलार, अतुल भातखलकर, अभिमन्यु पवार, पराग अलवानी, विजय कुमार रावल, गिरीश महाजन, हरीश पिंपले, राम सातपुते, योगेश सागर, नारायण कुचे, कीर्ति कुमार बंगड़िया का नाम शामिल है।
गौरतलब है कि महाराष्ट्र विधानसभा का मानसून सत्र आज गहमागहमी के साथ शुरू हुआ। वहीं हंगामे के बीच स्पीकर को गाली देने और उनके साथ बदसलूकी करने के आरोप में भाजपा के 12 विधायकों को एक साल के लिए निलंबित कर दिया। इन आरोपों पर पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष देवेंद्र फडणवीस ने दावा करते हुए कहा कि ये झूठे आरोप लगाए गए हैं। उन्होंने मीडिया से कहा कि ये झूठे आरोप हैं। यह जानबूझकर कहानी बनाई गई है। हमारे विधायकों ने किसी को गाली नहीं दिया। उन्होंने कहा कि ओबीसी आरक्षण के लिए 12 क्या हम और भी विधायक त्यागने के लिए तैयार हैं।
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गौरतलब है कि ओबीसी के मुद्दे पर विधानसभा में आज विपक्ष ने जमकर हंगामा किया। आरोप लगाया कि इस दौरान विधानसभा अध्यक्ष भास्कर जाधव ने उन्हें बोलने के लिए पर्याप्त मौका नहीं दिया। मामला तब ज्यादा गरम हो गया जब सदन की कार्यवाही स्थागित कर दी गई। स्पीकर जाधव ने आरोप लगाया है कि बीजेपी नेता मेरे कैबिन में आए और मेरे साथ अभद्रता की। उन्होंने कहा कि फडणवीस और चंद्रकांत पाटिल के सामने बीजेपी विधायकों ने मुझे गालियां दीं और मेरे साथ मारपीट भी की।
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