बरेली: प्रदेश की योगी सरकार (yogi government) के सख्ती के बावजूद भी रिश्वतखोरी पर कोई अंकुश नहीं लग पा रहा है। सरकारी अधिकारी व कर्मचारी बिना रिश्वत के कोई काम करने को तैयारी नहीं दिख रहे हैं। हद तो तब हो जाता है, जब रिश्वत न मिलने पर किसी को भी अपराधी बना दिया जाता है। जहां एक तरफ सरकार गरीबों की मदद के लिए तमाम तरह की योजनाएं चला रही है वहीं दूसरी तरफ सरकारी तंत्र अपने कारनामों से सरकार की छवि खराब कर रहा है। मीरगंज तहसील के सुल्तानपुर के रहने वाले एक नेत्रहीन किसान ने लेखपाल पर घूस न देने पर भूमाफिया बनाने का आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री से इच्छा मृत्यु मांगी है।

सुल्तानपुर गांव के रहने वाले महेन्द्र पाल सिंह का कहना है कि वो जन्म से नेत्रहीन है। कुछ दिन पहले लेखपाल से अपनी भूमि की खसरा की नकल मांगी थी, इसके लिए उससे 100 रुपये मांगे गए लेकिन जब उसने 20 रुपये देने की बात कही तो लेखपाल बहुत नाराज हुआ और नकल नहीं दी। 4 मई को राजस्व टीम इन्हीं के नेतृत्व में गांव आई और उसकी जमीन को जुतवा कर उसे भूमाफिया घोषित कर दिया।

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पीड़ित का कहना है कि नेत्रहीन होने के कारण पालन पोषण के लिए जमीन उन्हें जमींदार ने दी थी। अब उसकी जमीन लेखपाल ने जुतवाकर उसे भूमाफिया घोषित कर दिया है। इस कारण उसकी जमीन अब कोई बटाईदार भी नहीं लेगा। जिसके कारण उसके सामने रोटी का संकट आ गया है। पीड़ित ने मुख्यमंत्री को पत्र लिख कर इच्छा मृत्यु की गुहार लगाई है।

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