Vyomika Singh: भारत और पाकिस्तान के बीच हालिया सैन्य तनाव के दौरान जब ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की कार्रवाई चर्चा में थी, तब एक नाम सबसे ज्यादा सुर्खियों में रहा विंग कमांडर व्योमिका सिंह। लखनऊ की इस बहादुर बेटी ने न केवल साहसिक उड़ानों से देश का मान बढ़ाया, बल्कि अपने नेतृत्व से आतंकवाद के खिलाफ भारत की कार्रवाई को नई पहचान दी।

व्योमिका सिंह भारतीय वायुसेना की शुरुआती महिला हेलीकॉप्टर पायलटों में से एक हैं। वे अब तक 2500 से भी अधिक घंटे उड़ान भर चुकी हैं, जो उन्हें वायुसेना की गिनी-चुनी अनुभवी महिला अफसरों में शामिल करता है। चेतक और चीता जैसे हेलीकॉप्टरों की कमान उन्होंने बेखौफ होकर संभाली है।

अनुशासन और देशभक्ति की जड़ों से जुड़ी है कहानी

व्योमिका सिंह उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ की रहने वाली हैं, जहां उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त की। पढ़ाई के दौरान ही उन्होंने NCC कैडेट के रूप में अनुशासन और देशसेवा की भावना को आत्मसात किया। बाद में उन्होंने इंजीनियरिंग में स्नातक की डिग्री ली और साल 2004 में वायुसेना में कमीशन प्राप्त किया। उनकी शादी हरियाणा के भिवानी जिले के बापोड़ा गांव में हुई, जिसे ‘फौजियों का गांव’ कहा जाता है। यह वही गांव है जहाँ से पूर्व सेना प्रमुख जनरल वीके सिंह जैसे वीर सपूत निकले हैं। उनके पति विंग कमांडर दिनेश सिंह सभ्रवाल भी भारतीय वायुसेना में कार्यरत हैं।

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जातिगत टिप्पणी से विवाद में रामगोपाल यादव

जहां व्योमिका सिंह की उपलब्धियां देश भर में सराही जा रही हैं, वहीं समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता रामगोपाल यादव ने उनके खिलाफ एक विवादित जातिसूचक टिप्पणी कर नया विवाद खड़ा कर दिया है। एक प्रेस वार्ता में उन्होंने कहा, “मैं आपको बता दूं व्योमिका सिंह हरियाणा की जाटव हैं और एयर मार्शल भारती पूर्णिया के यादव हैं… एक को मुसलमान समझ कर गाली दी गई, एक को राजपूत समझ कर छोड़ दिया गया और तीसरे के बारे में जानकारी नहीं थी…” इस टिप्पणी को लेकर सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है। लोग सवाल उठा रहे हैं कि जब देश की बेटियाँ सीमाओं पर लड़ रही हैं, तब उनके योगदान को जाति के चश्मे से देखना कितना उचित है?

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