लखनऊ। उत्तर प्रदेश टिम्बर एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष मोहनीश त्रिवेदी ने सम्पूर्ण प्रदेश के प्रमुख पदाधिकारियों के साथ आज ज़ूम ऐप पर वर्चुअल मीटिंग की। वार्ता के दौरान श्री त्रिवेदी ने बताया कि पिछले 5 वर्षों से संगठन ऐसे पुश्तैनी टिम्बर व्यापारियों के लिए संघर्ष करता चला आ रहा है जिनके पास वन विभाग की स्थापना वर्ष 1978 के बाद से जारी की जाने वाली ई-3 रसीद, बिजली का बिल, व्यापार करने संबंधित वैध दस्तावेज उपलब्ध होने के बावजूद 2017 में भाजपा की सरकार ने लाइसेंस देने की जगह उनका व्यापार उजाड़ कर उन्हें बेरोजगार बना दिया था।

श्री त्रिवेदी ने बताया कि आज की प्रादेशिक वर्चुअल मीटिंग हाल ही में माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा ई—लॉटरी के पीड़ितों द्वारा दाखिल की गई विभिन्न रिट याचिकाओं में से एक 13642/2020 व अन्य में उत्तर प्रदेश सरकार, वन विभाग,एनजीटी सहित उत्तर प्रदेश टिम्बर एसोसिएशन व अन्य के खिलाफ दाखिल मुकदमे को माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा एडमिट कर लिया गया है कि लगी तारीख 10 जनवरी 2022 की तैयारी हेतु की गई। वहीं प्रदेश महामंत्री व मीडिया प्रभारी नदीम अहमद ने कहा कि सभी पुश्तैनी टिम्बर व्यापारी मिल कर सुप्रीम कोर्ट में केस लड़ने का काम करने के साथ ही अपने—अपने जिले में समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी के लिए प्रचार करने का काम करेंगे। प्रदेश सचिव रूप यादव ने सभी टिम्बर व्यापारियों से आह्वान किया कि सर्वोच्च न्यायालय में मिल कर केस लड़े और भरोसा रखें कि अंत में न्याय की ही जीत होगी और पुश्तैनी टिम्बर व्यापारी लाइसेंस जरूर पाएंगे। वर्चुअल मीटिंग में प्रमुख रूप से अयोध्या से ठाकुर प्रसाद,अमरीश गुप्ता, राजू सिंह, लखनऊ से अख्तर खान,अमरोहा से सरफराज हुसैन उर्फ भूरे, मोहमद रजा,रामपुर से मुजाहिद हुसैन,अम्बेडकर नगर से राकेश वर्मा,दिलीप कुमार, मलिहाबाद से सुभाष मोर्या, कन्नौज से मोहमद अकरम, मेरठ से मोहमद साजिद सहित दर्जनों पदाधिकारी मौजूद रहे।

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