प्रकाश सिंह

लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले राजनीतिक पार्टियों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है। पार्टी नेताओं में जुबानी जंग छिड़ गई है। आगामी यूपी विधानसभा चुनाव में भाजपा और सपा के बीच कड़ी टक्कर होने की उम्मीद नजर आ रही है। सियासी जानकारों की मानें तो इन्हीं दोनों पार्टियों में हार-जीत का मुकाबला होना है। ऐसे में दोनों दलों के बीच जुबानी जंग भी काफी तेज हो गया है। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) जहां हर मौके पर भाजपा सरकार को घेरने का प्रयास कर रहे हैं, वहीं उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य (Keshav Prasad Maurya) ने विधानसभा चुनाव से पहले अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) का नाम ही चेंज कर दिया है। उनके इस बयान के बाद हंगामा मचना तय माना जा रहा है।

उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य (Keshav Prasad Maurya) ने अखिलेश यादव पर हमला बोलते हुए कहा कि मैं उन्हें अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) नहीं बल्कि अखिलेश अली जिन्ना (Akhilesh Ali Jinnah) कहता हूं। बता दें कि गत दिनों अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने जिन्ना राग छेड़कर विवादों में आ गए थे। ऐसे में केशव प्रसाद मौर्य (Keshav Prasad Maurya) के इस नए नामकरण पर सियासी हंगामा मचना तय माना जा रहा है। अखिलेश के पिछड़ों की राजनीति पर केशव प्रसाद ने कहा कि वह मौकापरस्ती की राजनीति कर रहे हैं।

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गौरतलब है कि यूपी विधानसभा चुनाव से पहले अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) जहां मुस्लिम वोटों को पार्टी से जोड़े रहने के लिए मोहम्मद अली जिन्ना को भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू, राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और लौह पुरुष सरकार बल्लभ भाई पटेल के समान बता रहे हैं वहीं भाजपा अयोध्या के बाद मथुरा का राग अलापने लगी है। केशव प्रसाद मौर्य (Keshav Prasad Maurya) ने हाल में बयान दिया था कि रामलला की जन्मभूमि अयोध्या हमारी हो चुकी है। वहां राम मंदिर का निर्माण चल रहा है। काशी में बाबा विश्वनाथ कॉरिडोर तैयार हो चुका है। अब मथुरा में भगवान कृष्ण की जन्मभूमि की बारी है। ऐसे में यह माना जा रहा है कि बीजेपी 2022 के यूपी विधानसभा चुनाव में कृष्ण जन्मभूमि को सियासी मुद्दा बना सकती है।

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