UP News: समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) रविवार को भारतीय जनता पार्टी पर निशाना साधते हुए तीखा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि बीजेपी जिस तरह से दिन गिनने लगी है, उससे यह समझा जा सकता है कि सरकार के पास अब ज्यादा दिन नहीं बचे हैं। उन्होंने कहा कि बीजेपी सरकार के पास अब केवल 398 दिन बचे हैं। अखिलेश यादव समाजवादी नेता जनेश्वर मिश्र की पुण्यतिथि (Janeshwar Mishra death anniversary) पर लखनऊ में जनेश्व्र मिश्र पार्क में उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण करने के बाद पत्रकारों से रूबरू थे। राजधानी लखनऊ में आयोजित बीजेपी की प्रदेश कार्यकारिणी बैठक के बारे में किए गए सवाल पर उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बयान का जिक्र करते हुए कहा कि वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी इस बार हो सकता है कि उत्तर प्रदेश की सभी 80 लोकसभा सीटों पर हार जाए।

उन्होंने कहा कि जो पार्टी यह कहती है कि हम वर्षों सत्ता में रहेंगे, वह अब 400 दिन की बात कर रही है। अब तो दो दिन और बीत गए हैं यानी बीजेपी सरकार के अब सिर्फ 398 दिन बचे हैं। प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं की तरफ इशारा करते हुए उन्होंने कहा, बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को उत्तर प्रदेश के कम से कम दो मेडिकल कॉलेज का दौरा करना चाहिए, जिनका उन्होंने खुद शिलान्यास किया था। उन्हें समझ में आ जाएगा कि इस बार उनको कितनी सीटों पर जीत हासिल होने वाली है। गौरतलब है कि रविवार को लखनऊ के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में बीजेपी की प्रदेश कार्यकारिणी की एक दिवसीय बैठक हो रही है। वहीं इससे पहले 17 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्लीर में पार्टी की दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक कर चुके हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय कार्यकारिणी के समापन सत्र को संबोधित करते हुए कहा था कि वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव में करीब 400 दिन बचे हैं। इसको देखते हुए पार्टी के सभी नेताओं और कार्यकर्ताओं को पूरे समर्पण भाव के साथ समाज के हर वर्ग की सेवा में जुट जाना चाहिए। अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने बीजेपी से अपनी प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक में हिरासत में हुई मौत के मामलों में पीड़ित परिवारों को एक करोड़ रुपये मुआवजा और सरकारी नौकरी देने संबंधी प्रस्ताव पारित करने की मांग की।

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उन्होंने कहा कि बीजेपी को कानपुर के बलवंत की हिरासत में मौत मामल में पीड़ित परिवार को एक करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता और सरकारी नौकरी देने का प्रस्ताव पारित करना चाहिए। इसी के साथ ही सपा अध्यक्ष ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की तरफ से जातिगत जनगणना कराने की कवायद शुरू करने की सराहना की। उन्होंने कहा कि जातीय जनगणना की मांग आज की नहीं है, अंग्रेजों ने इसकी जरूरत वर्ष 1931 में समझ लिया था। जातियों को संविधान के अधिकार तब ही मिल पाना संभव है, जब उनके लोगों की संख्या की सही जानकारी होगी।

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