प्रकाश सिंह

गोंडा: बाढ़ हमेशा अपने पीछे तबाही छोड़कर जाती है। मगर इसबार बाढ़ के जाने के बाद फिर लौटने से लोगों को सांसत में डाल दिया है। बरसात के समय में प्रशासन के साथ स्थानीय लोग भी सतर्क रहते हैं, लेकिन बाढ़ खत्म होने के बाद फिर से इसकी दस्तक ने लोगों को परेशानी में डाल दिया है। कर्नलगंज में शुक्रवार को सरयू नदी खतरे के निशान से काफी ऊपर पहुंच गई। जबकि अयोध्या में सरयू 34 सेंटीमीटर खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। जानकारी के मुताबिक विभिन्न बैराजों से करीब 5 लाख, 88 हजार क्यूसेक पानी नदी में छोड़ा गया, जिसके चलते यह भयावह स्थिति उत्पन्न हो गई है।

UP floods

जानकारी के अनुसार शुक्रवार का कुल डिस्चार्ज 4 लाख, 67 हजार क्यूसेक था। वहीं बाढ़ के पानी से कर्नलगंज व तरबगंज तहसील के कई गांव प्रभावित हो गए हैं। जिले की 2 तहसीलों के कई गांव जलमग्न हो गए हैं। तरबगंज के 1 दर्जन से अधिक गांव टापू में तब्दील हो गए। लोग आने जाने के लिए नाव का सहारा ले रहे हैं। जिले में अब तक छह हजार की आबादी बाढ़ से प्रभावित हो हुई है। ऐसे में लोग पलायन करने को मजबूर हैं। बाढ़ पीड़ितों का आरोप है कि अभी तक प्रशासन द्वारा कोई भी सहायता नहीं दी गई है, लेकिन जिला प्रशासन का दावा है कि लगातार बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर लोगों को राहत सामग्री पहुंचाई जा रही है।

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बाढ़ जैसे जैसे विकराल रूप धारण कर रहा है, वैसे वैसे ग्रामीणों की धड़कनें भी तेज हो रही हैं। ग्रामीणों का तेजी से पलायन भी शुरू हो गया है। कोई बैलगाड़ी से तो कोई पैदल अपनी गृहस्थी का सामान लेकर गांव के बाहर जा रहा है। लोगों के सामने रहने खाने एवं जानवरों के चारे का जबरदस्त संकट आ गया है। अधिकांश लोग बांध पर अपना आशियाना बनाने को मजबूर हैं। आपको बता दें बीते कई दिनों से तरबगंज तहसील के बहादुरपुर गांव में बाढ़ के पानी ने आतंक मचा रखा है। तो वही बहादुरपुर गांव के कमपोजिट विद्यालय से पानी हटने का नाम नहीं ले रहा, जिससे बच्चों की पढ़ाई लिखाई बंद है। पानी बहुत तेजी से गांवों को अपने आगोश में ले रहा है।

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आपको बता दें कि बहादुरपुर गांव के करीब घाघरा नदी में उफान के चलते कटान बराबर जारी है, जिसकी कटान में पिछली बार बाढ़ में भी कई मकान बह गए थे। वहीं भयानक स्थिति इस बार यह बिन मौसम की बरसात लेकर आई है। घाघरा और सरयू नदी का उफान कई गांव के लिए खतरा बन चुका है। इस समय घाघरा नदी 77 सेंटीमीटर खतरे के निशान से ऊपर आ चुकी है। इससे और भी कई गांव बाढ़ के जद में आ चुके हैं।

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