गौरव तिवारी

प्रतापगढ़: प्रतापगढ़ सदर विधानसभा सीट 1977 से अस्तित्व में है। वर्तमान में इस सीट पर अपना दल ‘एस’ का कब्जा है। अपना दल के राजकुमार पाल प्रतापगढ़ सदर विधानसभा सीट से विधायक हैं। जनपद की पहचान यहां की आंवला की खेती से है। सदर विधानसभा सीट से अब तक सभी बड़े राजनीतिक दलों के लोग विधानसभा में प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। इस क्षेत्र के मतदाताओं ने सभी पार्टियों को बारी-बारी से विकास करने का मौका दिया है।

प्रतापगढ़ सदर विधानसभा को बेल्हा भी कहते हैं

क्योंकि यहां सई नदी के किनारे बेल्हा देवी का प्राचीन मंदिर है। यह लोगों के आस्था का प्रमुख केंद्र है। इसे महात्मा बुद्ध की तपोस्थली के रूप में भी जाना जाता है। रामायण में भी इस जनपद की सई नदी का जिक्र मिलता है। सई उत्तर गोमती नहाए, चौथे दिवस अवधपुर आए, भगवान श्री राम के वनवास यात्रा के दौरान इस नदी का वर्णन रामचरितमानस में मिलता है, जो सदर विधानसभा क्षेत्र में आता है।

सदर विधानसभा सीट पर 1977 से लेकर 2017 तक

इस सीट पर सबसे ज्यादा जाति विशेष के ही प्रत्याशियों की जीत हुई है। वर्ष 1977 में सदर सीट पर जनता पार्टी के प्रत्याशी के रूप में संगम लाल की जीत हुई। फिर 1980 में कांग्रेस पार्टी के लाल प्रताप सिंह ने जीत दर्ज की। अगले चुनाव 1985 में दोबारा लाल प्रताप सिंह विधायक बने। फिर 1989 में ज्वाला दल के प्रत्याशी संगम लाल ने जीत दर्ज की। वर्ष 1991 में भारतीय जनता पार्टी का खाता खुल गया। पार्टी के प्रत्याशी बृजेश कुमार शर्मा ने ज्वाला दल के अजीत प्रताप सिंह को हरा कर पहली बार कमल खिलाया।

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1996 में सदर सीट पर सपा के चंद्रनाथ सिंह की जीत हुई

इसके बाद 2002 में भारतीय जनता पार्टी से हरी प्रताप सिंह की जीत हुई। वर्ष 2007 के चुनाव में बहुजन समाज पार्टी के संजय कुमार विधायक चुने गए। उन्होंने समाजवादी पार्टी के हाजी अब्दुल इस्लाम को हराया। अगले चुनाव 2012 में समाजवादी पार्टी के नागेंद्र सिंह ने बहुजन समाज पार्टी के संजय कुमार को हराकर सीट पर कब्जा कर लिया।

2017 में 14 प्रत्याशियों ने किस्मत आजमाई

वर्ष 2017 में भाजपा से गठबंधन होने के चलते अपना दल (एस) के टिकट पर संगम लाल गुप्ता ने जीत दर्ज की। इस चुनाव में अपना दल का भाजपा के साथ गठबंधन था। तब यह सीट अपना दल को मिली। संगम लाल गुप्ता 2019 के लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए तो इस सीट पर उपचुनाव हुआ। इस बार अपना दल के उम्मीदवार राजकुमार पाल की जीत हुई। राजकुमार पाल को 52 हजार, 949 मत मिले जबकि समाजवादी पार्टी के बृजेश को 29721 वोट मिले। सदर सीट पर हुए उप चुनाव में ओवैसी की पार्टी के प्रत्याशी इसरार अहमद तीसरे स्थान पर रहे और चौथे स्थान पर डॉ. नीरज त्रिपाठी रहे। हालांकि उन्होंने अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज कराई।

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इस बार 2022 के चुनाव में

यूपी चुनाव 2022 के लिए अभी तक कांग्रेस पार्टी ने डॉ. नीरज त्रिपाठी को अपना उम्मीदवार घोषित किया है और बसपा ने आशुतोष त्रिपाठी को सदर विधानसभा उम्मीदवार बनाया है। सपा पार्टी उम्मीदवार घोषित नहीं कर सकी है। भाजपा की स्थिति भी अभी साफ नहीं हो सकी है कि वह सदर सीट पर अपना दल एस के गठबंधन में जाएगी या भाजपा का उम्मीदवार रहेगा। फिलहाल इस विधानसभा सीट पर चुनाव काफी रोचक होगा। सदर विधानसभा के मतदाताओं को राजनीतिक पार्टियों को भाजपा+अपना दल और सपा के उम्मीदवारों का बेसब्री से इंतजार है।

सदर सीट पर जाति समीकरण

प्रतापगढ़ सदर विधानसभा सीट पर वर्मा और मुस्लिम मतदाता अच्छी तादाद में हैं। अन्य पिछड़ी जातियों के साथ ही अनुसूचित जाति और जनजाति के मतदाता भी प्रतापगढ़ सदर विधानसभा सीट का चुनाव परिणाम निर्धारित करने में निर्णायक भूमिका निभाते हैं।

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