प्रकाश सिंह

लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 (UP Elections 2022) काफी दिलचस्प होने वाला है, इस बार चुनावी मैदान में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ताल ठोकने जा रहे हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जहां गोरखपुर से चुनाव लड़ने जा रहे हैं, वहीं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने मैनपुरी के करहल विधानसभा सीट (Karhal assembly seat) से चुनाव लड़ने का मन बनाया है। मजे की बात यह है कि मुख्यमंत्री पद के दो दावेदार पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ने जा रहे हैं। हालांकि दोनों नेता सांसद रह चुके हैं, अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) अभी भी आजमगढ़ से सांसद हैं। वहीं राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो उत्तर प्रदेश में सपा और भाजपा में सीधी टक्कर है।

करहल सीट (Karhal assembly seat) पर 1993 से है सपा का कब्जा

करहल सीट (Karhal assembly seat) से अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) के चुनाव लड़ने के एलान के बाद यह सीट चर्चा में आ गई है, तो बता दें कि वर्ष 1993 से सपा मैनपुरी की करहल सीट (Karhal assembly seat) लगातार जीतती आ रही है। वर्ष 2002 में भाजपा से सोबरन सिंह यादव ने इस सीट पर कब्जा कर लिया था, लेकिन बाद में वह सपा में आ गए और मौजूदा समय में वह करहल (Karhal assembly seat) से विधायक भी हैं। कुल मिलाकर इस सीट पर सपा का शुरू से ही कब्जा रहा है, केवल एकबार प्रज्ञा सोशलिस्ट पार्टी ने यहां से जीत दर्ज करा पाई है। बता दें कि अखिलेश यादव के विधान सभा चुनाव में उतरने की कयासबाजी के बीच चर्चा थी कि वह आजमगढ़ की गोपालपुर सीट या संभल की गुन्नौर की सीट से चुनाव मैदान में उतर सकते हैं। क्योंकि इन सीटों पर भी सपा का अच्छा वर्चस्व रहा है।

इसे भी पढ़ें: बीजेपी ने विपक्ष के आरोपों की निकाली हवा

अखिलेश यादव ने सैफई परिवार के लिए सियासी जमीन तैयार करने वाले करहल सीट (Karhal assembly seat) से चुनाव लड़ने का एलान करके अपनी जीत पहले से ही सुनिश्चित कर ली है। इस सीट को यादव बाहुल्य माना जाता है। यहां 40 प्रतिशत यादवों की आबादी है, ब्राह्मण, ठाकुर, दलित और शाक्य की तादाद अच्छी खासी है। यहां मुस्लिम मतदाता आपेक्षाकृत कम हैं। यहां सबसे ज्यादा चुनाव जीतने का रिकॉर्ड राम यादव के नाम है, वह पांच बार अलग-अलग दलों से चुनाव जीत चुके हैं। मौजूदा समय में सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव यहां से सांसद हैं। राजनीतिक जानकारों की मानें तो समाजवादी पार्टी ने आंतरिक सर्वे में गोपालपुर और गुन्नौर के मुकाबले करहल सीट (Karhal assembly seat) को सबसे ज्यादा सुरक्षित पाया है।

इसे भी पढ़ें: भाजपा के लिए पट्टी विधानसभा में कमल खिलाना आसान नहीं

Spread the news