महाकुम्भ नगर: प्रदेश के विकास को गति देने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली सरकार ने महाकुम्भ में त्रिवेणी तट पर कैबिनेट बैठक (Cabinet decisions) करके विभिन्न महत्वपूर्ण परियोजनाओं को मंजूरी दी है। मंत्रिपरिषद की इस ऐतिहासिक बैठक में पूर्वी उत्तर प्रदेश के विभिन्न जनपदों तक विकास को प्रशस्त करने के लिए स्वीकृत किये गये ‘मास्टर प्लान’ के अंतर्गत जहां स्टेट कैपिटल रीजन की तर्ज पर दो नए रीजन बनाए जाएंगे, वहीं दो नये लिंक एक्सप्रेसवे और गंगा और यमुना नदी पर दो बड़े पुलों का भी निर्माण किया जाएगा। इन महत्वपूर्ण फैसलों की जानकारी बुधवार को महाकुम्भ नगर में आयोजित कैबिनेट की बैठक के उपरांत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मीडिया को दी। इस अवसर पर प्रदेश के दोनों डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक सहित मंत्रीपरिषद् के सभी सदस्य मौजूद रहे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि 144 वर्ष के अंतराल पर प्रयागराज में महाकुम्भ के शुभ संयोग पर महाकुम्भ नगर में मंत्रीपरिषद् की अहम बैठक आयोजित की गई। इसमें विभिन्न महत्वपूर्ण प्रस्तावों को स्वीकृति दी गई है। उन्होंने बताया कि कैबिनेट की बैठक में चित्रकूट, प्रयागराज, मीरजापुर, भदोही, वाराणसी, चंदौली और सोनभद्र में बुनियादी ढांचे को सुदृढ़ बनाने और आर्थिक विकास को गति देने के लिए कई परियोजनाओं को मंजूरी दी गई।

प्रयागराज-चित्रकूट डेवलेपमेंट रीजन को मिली मंजूरी

मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रयागराज-चित्रकूट डेवलेपमेंट रीजन को स्टेट कैपिटल रीजन (एससीआर) की तर्ज पर विकसित करने का प्रस्ताव स्वीकृत कर लिया गया है। यह क्षेत्र धार्मिक, सांस्कृतिक और पर्यटन के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण होगा और इससे रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे।

वाराणसी-विंध्य डेवलपमेंट रीजन पर जोर

मुख्यमंत्री ने बताया कि बैठक में वाराणसी-विंध्य डेवलपमेंट रीजन के विकास को प्राथमिकता देते हुए प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है। इस क्षेत्र को धार्मिक पर्यटन, सांस्कृतिक धरोहर और आर्थिक गतिविधियों का केंद्र बनाने के लिए विशेष योजनाओं पर काम किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि ये सभी परियोजनाएं प्रदेश की बुनियादी ढांचे को सुदृढ़ करेंगी और आर्थिक, सामाजिक एवं सांस्कृतिक विकास को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाएंगी।

गंगा एक्सप्रेसवे का विस्तार

उन्होंने बताया कि गंगा एक्सप्रेसवे को प्रयागराज से मिर्जापुर, भदोही, वाराणसी, चंदौली और गाजीपुर तक विस्तार दिया जाएगा। यह नया लिंक एक्सप्रेसवे पूर्वांचल एक्सप्रेसवे से भी जुड़ जाएगा, जिससे क्षेत्रीय कनेक्टिविटी और सशक्त होगी। इसके अलावा वाराणसी, चंदौली और सोनभद्र को जोड़ने के लिए नया लिंक एक्सप्रेसवे बनाया जाएगा। इन दोनों प्रोजेक्ट को ‘प्रयागराज-विंध्य-काशी एक्सप्रेसवे’ के रूप में विकसित किया जाएगा।

नए पुलों और ब्रिजों का निर्माण

सीएम योगी ने कहा कि यमुना नदी पर सिग्नेचर ब्रिज के समानांतर एक नए सिक्स लेन पुल के निर्माण के प्रस्ताव को स्वीकृति दी गई है। इसके साथ ही सलोरी-हेतापट्टी-झूंसी के बीच फोर लेन ब्रिज की मंजूरी दी गई है, जो प्रयागराज को मीरजापुर, जौनपुर, वाराणसी, आजमगढ़ और गोरखपुर से जोड़ेगा। बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे को गंगा एक्सप्रेसवे से जोड़ने का प्रस्ताव भी स्वीकृत किया गया है। साथ ही रीवा नेशनल हाईवे से कनेक्टिविटी के लिए कार्य योजना को मंजूरी दी गई है।

कैबिनेट द्वारा स्वीकृत अन्य महत्वपूर्ण प्रस्ताव

– उत्तर प्रदेश एयरोस्पेस तथा रक्षा इकाई एवं रोजगार प्रोत्साहन नीति 2024 को मंजूरी

– भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 20 के अंतर्गत अभियोजन निदेशालय की स्थापना के सम्बंध में प्रस्ताव को मंजूरी

– प्रयागराज नगर निगम,वाराणसी नगर निगम व आगरा नगर निगम हेतु म्युनिसिपल बांड निर्गत करने तथा अवस्थापना विकास निधि से क्रेडिट रेटिंग Enhancement के लिए धनराशि उपलब्ध कराए जाने पर अनुमोदन प्राप्त किये जाने के सम्बंध में मंजूरी

– टाटा टेक्नोलॉजी लिमिटेड के सहयोग से प्रदेश के 62 राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानो का उन्नयन व 5 सेंटर फॉर इनोवेशन, इंवेंनशन, इन्क्यूबेशन एंड ट्रेनिंग की स्थापना किये जाने के सम्बंध में प्रस्ताव को मंजूरी

– प्रदेश के असेवित जनपद हाथरस, बागपत व कासगंज में भारत सरकार की वायबिलिटी गैप फंडिंग के अंतर्गत पीपीपी मोड पर मेडिकल कॉलेज संचालित किये जाने हेतु सफल निविदादाता का चयन किये जाने के सम्बंध में प्रस्ताव को मंजूरी

– स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय, बलरामपुर की स्थापना हेतु 166 बेडेड राजकीय संयुक्त चिकित्सालय बलरामपुर को चिकित्सा शिक्षा विभाग के पक्ष में निःशुल्क हस्तातंरण किये जाने व जनपद बलरामपुर में स्थापित किये जा रहे केजीएमयू के सेटेलाइट सेंटर को स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय, बलरामपुर में परिवर्तित किये जाने के प्रस्ताव को मंजूरी

– स्वामी विवेकानंद युवा सशक्तिकरण योजना अंतर्गत निशुल्क स्मार्टफोन वितरण हेतु योजनांतर्गत अंतिम बिड अभिलेख के सम्बंध में प्रस्ताव स्वीकृत

– उप्र औद्योगिक निवेश व रोजगार प्रोत्साहन नीति 2022 के अंतर्गत प्रदेश में मेगा श्रेणी की आद्योगिक इकाइयों हेतु विशेष सुविधाएं एवं रियायतें अनुमन्य कराए जाने विषयक शासनादेश,मुख्य सचिव द्वारा अध्यक्षता में गठित उच्च स्तरीय प्राधिकृत समिति बैठक में की गई संस्तुतियों पर अनुमोदन प्रस्ताव को मंजूरी

– फॉरेन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट (एफडीआई) एवं फॉर्च्यून 500 कंपनियों के निवेश हेतु प्रोत्साहन नीति 2023 में अनुमन्य फ्रंट एंड लैंड सब्सिडी प्राविधान के अंतर्गत मेसर्स अशोक लीलैंड लिमिटेड को आवंटित भूमि हेतु यूपीसीडा को देय सब्सिडी धनराशि के भुगतान की स्वीकृति के सम्बंध में इम्पावर्ड कमेटी की बैठक की संस्तुति/निर्णय को अनुमोदन प्राप्त किये जाने के प्रस्ताव को मंजूरी

मंत्रिमंडल के साथ त्रिवेणी संगम में सीएम योगी ने लगाई डुबकी

Cabinet decisions

त्रिवेणी माधवंसोमं भरद्वाज च वासुकिम्
वन्देSक्षयवटं शेषं प्रयागं तीर्थनायकम्

महाकुम्भ नगर: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को अपने मंत्रिमंडल के साथ तीर्थराज प्रयागराज में त्रिवेणी के संगम में पावन डुबकी लगाकर समूचे विश्व के कल्याण की कामना की। मुख्यमंत्री ने संगम स्नान को भारतीय संस्कृति और सनातन धर्म का प्रतीक बताते हुए कहा कि यह स्नान आत्मिक शांति, धार्मिक समर्पण और समाज कल्याण का संदेश देता है। त्रिवेणी संगम का स्नान केवल व्यक्तिगत शुद्धि नहीं, बल्कि समग्र लोक कल्याण का आह्वान है।

महाकुम्भ 2025 के इस दिव्य आयोजन में दुनिया भर से करोड़ों श्रद्धालु आ रहे हैं और संगम में पावन डुबकी लगा रहे हैं. यह स्नान धर्म, संस्कृति और आस्था का संदेश देता है। यह न केवल एक धार्मिक अनुष्ठान है, बल्कि लोक कल्याण और आत्मशुद्धि का पवित्र आह्वान भी है। महाकुम्भ भारतीय संस्कृति की दिव्यता और सार्वभौमिकता का प्रतीक है। संगम स्नान से जनमानस को यह संदेश मिलता है कि धर्म और संस्कृति की शक्ति से जीवन में शुद्धता और समृद्धि लाई जा सकती है।

संगम में उतरी पूरी सरकार

त्रिवेणी संगम वह पवित्र स्थल है, जहां गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती का मिलन होता है। इसे मोक्ष प्राप्ति और आत्मा की शुद्धि का केंद्र माना जाता है। शास्त्रों में संगम स्नान को सभी पापों से मुक्त करने और आध्यात्मिक उन्नति का मार्ग बताया गया है। इसी क्रम में मुख्यमंत्री और उनके मंत्रिमंडल के सभी सदस्यों ने सबसे पहले अरैल स्थित त्रिवेणी संकुल में पूजा-अर्चना की। तत्पश्चात, मोटरबोट के माध्यम से संगम पहुंचकर विधिवत मंत्रोच्चार और हवन के साथ स्नान संपन्न किया। मुख्यमंत्री के साथ दोनों उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, ब्रजेश पाठक, वित्त एवं संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना, जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह,कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही, औद्योगिक विकास मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी, पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह, लक्ष्मी नारायण चौधरी, धर्मपाल और अनिल राजभर सहित सभी 21 मंत्रियों और बाकी स्वतंत्र प्रभार वाले और राज्यमंत्रियों ने विधिवत संगम में स्नान और पूजन किया।

महाकुम्भ और सनातन संस्कृति का वैश्विक संदेश

यत्र गङ्गा च यमुना, सरस्वती च पुण्यदा
स्नानेन तत्र तीर्थे, मोक्षः स्यात् सुखमात्मनः

अर्थात जहां गंगा, यमुना और सरस्वती का संगम होता है, वहां स्नान करने से आत्मा को मोक्ष और शांति मिलती है। समस्त मंत्रिमंडल ने इसी आध्यात्मिक अनुभूति के साथ त्रिवेणी संगम में स्नान कर पूरी दुनिया को संदेश दिया। यह न केवल आस्था और विश्वास का प्रतीक बना, बल्कि जनमानस को आध्यात्मिक ऊर्जा और प्रेरणा प्रदान करने का भी अवसर बनकर सामने आया। यह आयोजन सनातन धर्म के मूल्यों को स्थापित करते हुए समाज में शांति, समृद्धि और समर्पण का संदेश देता है। इस आयोजन के माध्यम से न सिर्फ धार्मिक परंपरा के पालन का, बल्कि लोककल्याण और विश्वशांति का भी संदेश दिया गया।

दूसरी बार मंत्रिमंडल का संगम स्नान

योगी सरकार में यह दूसरा अवसर है, जब पूरे मंत्रिमंडल ने एक साथ कुम्भ के सुअवसर पर संगम स्नान किया है। इससे पूर्व 2019 में भी तीर्थराज प्रयागराज में आयोजित कुम्भ में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने पूरे मंत्रिमंडल के साथ संगम में आस्था की डुबकी लगाई थी। तब मुख्यमंत्री और समस्त मंत्रिमंडल के साथ अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरि और अन्य साधु संतों ने भी संगम की धारा में पवित्र स्नान किया था।

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