Train Accident: घटनाओं से अगर सबक लिया जाए तो इसके पुनरावृत्ति को रोका जा सकता है। भारत जैसे देश में घटनाओं पर चर्चा तो खूब होती है, लेकिन ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए ठोस पहल पर काम कम होता है। घटनाओं के दोहराव को रोकने की दिशा में जो काम होते भी हैं, वह केवल कागजों तक ही सीमित रह जाते हैं। ओडिशा के बालासोर के पास 2 जून को हुए तीन ट्रेनों की टक्कर में घोर लापरवाही सामने आ रही है। इस ट्रेन दुर्घटना में 300 से ऊपर लोगों की जान चली गई है। जबकि 900 से अधिक लोग घायल हो हुए है। घटना इतनी भयावह है कि हर कोई इससे हतप्रभ है। भारत में ट्रेन दुर्घटनाओं के इतिहास में इसे सबसे बड़ी दुर्घटना मानी जा रही है। वहीं इससे पहले यहां करीब 14 साल पहले भी इसी तरह कोरोमंडल एक्सप्रेस ट्रेन दुर्घटना हुई थी। उस दौरान भी गई लोगों की जान चली गई थी। हालांकि इतने वर्षों में रेलवे तकनीकि के आधार पर काफी विकास कर चुका है, बावजूद इसके भी ऐसी घटनाओं को रोक पाने में पूरा सिस्टम फेल नजर आ रहा है।

गौरतलब है कि शुक्रवार को, चेन्नई जा रही कोरोमंडल एक्सप्रेस ट्रेन ओडिशा के बालासोर में बहनागा बाजार स्टेशन के पास बेपटरी हो गई और हावड़ा जाने वाली बेंगलुरु-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस से टकरा गई। इसके बाद कोरोमंडल के पटरी से उतरे डिब्बे वहां खड़ी एक मालगाड़ी से टकरा गए। दुर्घटना इतनी भयावह थी कि कई यात्रियों के शव इतने क्षतिग्रस्त हो गए हैं कि उनकी पहचान कर पाना मुश्किल हो रहा है। शवों के बीच लोग अपनों की तलाश कर रहे हैं। वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उच्च स्तरीय बैठक करने के बाद मौके पर जाने की तैयारी में हैं।

14 साल पहले हुई थी दुर्घटना

2 जून को हुई ट्रेन त्रासदी ने वर्ष 2009 के कोरोमंडल एक्सप्रेस ट्रेन हादसे की यादें ताजा कर दीं, जिसमें करीब 16 यात्रियों की मौत हो गई थी। जानकारी के मुताबिक यह दुर्घटना 13 फरवरी, 2009 को हुई थी। वहीं उस समय भी शुक्रवार का ही दिन था। 2009 की ट्रेन दुर्घटना तब हुई थी जब गाड़ी काफी तेज गति से जाजपुर रोड रेलवे स्टेशन से गुजर रही थी और ट्रैक बदल रही थी। इससे ट्रेन का इंजन एक ट्रैक पर चला गया और पलट गया, वहीं अन्य डिब्बे सभी दिशाओं में बिखर गए। वर्ष 2009 की ट्रेन दुर्घटना भी शाम 7.30 से 7.40 बजे के बीच हुई थी। चौदह साल बाद, शुक्रवार की रात (2 जून, 2023) को फिर से वही कोरोमंडल एक्सप्रेस ट्रेन ओडिशा में पटरी से उतर गई, जिसमें 300 से अधिक लोग मारे गए हैं।

राहत बचाव अभियान पूरा

ओडिशा के बालासोर जिले में शुक्रवार शाम कोरोमंडल एक्सप्रेस और बेंगलुरु-हावड़ा एक्सप्रेस ट्रेन के पटरी से उतरने और एक मालगाड़ी से टकराने की वजह से मृतक संख्या शनिवार को बढ़कर 300 के पार चली गई और दुर्घटनास्थल पर राहत और बचाव अभियान पूरा हो गया। दक्षिण पूर्वी रेलवे (एसईआर) के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। एसईआर प्रवक्ता आदित्य चौधरी के मुताबिक शुक्रवार को हुई दुर्घटना में मृतक संख्या बढ़कर 300 के पार चली गई और करीब 900 घायलों का ओडिशा के विभिन्न अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। हालांकि उन्होंने इन आंकड़ों को आधिकारिक नहीं बताया है। उनका कहना है कि मृतकों और घायलों के सही आंकड़े आने में वक्त लगेगा।

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