श्रुति और ऋषि परंपरा से संचालित होता है सनातन

सनातन संस्कृति में केवल श्रुति ही सर्वोच्च है। यहां किसी शीर्ष आचार्य या किसी एक पुस्तक की नहीं चलती। यह विश्व के कल्याण और प्राणियों में सद्भावना का मार्ग है।…

गोविन्दाचार्य और इंटरनल हिन्दू फाउंडेशन की ब्राह्मण यूनियनबाजी के प्रमाण लीजिये

कल्याण सिंह के शब्दों में काला ब्राह्मण गोविन्दाचार्य के इंटरनल हिन्दू फांउडेशन से मैंने अरविंदो पुरस्कार क्यों नहीं लिया? इसने मुझे अरविन्दो सम्मान देने की घोषणा की थी। इस संगठन…

मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम हमारी आस्था और संजीवनी हैं: राजा बाबू सिंह

Noida: भारतीय संस्कृति का मूलाधार सनातन संस्कृति है, जिसके संवाहक प्रभु श्रीराम विभिन्न रूपों में हम सब में प्राण वायु संचरित करते हुए जीने की राह दिखाते और निरंतर सत्कर्म…

Pitru Paksha: पितृ पूजा का मतलब प्रेतपूजा नहीं

Pitru Paksha: पितृपक्ष में पितरों की पूजा का अर्थ प्रेतपूजा कदापि नहीं है। यह ऐसी पूजा है जिसमें अपनी समस्त सनातन संस्कृति की आराधना शामिल है। समस्त ऋषि, समस्त दिशाएं,…

Pitru Paksha: पितरों के पावन दिन और श्राद्ध का विज्ञान

Pitru Paksha: सनातन संस्कृति केवल विश्वास यानी अंग्रेजी के शब्द बिलीफ पर आधारित नहीं है। यह विशुद्ध विज्ञान है। इसमें समाहित प्रत्येक सोपान का विशुद्ध विज्ञान है। इसके सभी दिन…

Pitru Paksha 2023: पितृ तीर्थ और श्राद्ध पक्ष में गया दर्शन

Pitru Paksha: यह मर्त्य लोक है। जो कुछ भी दिख रहा है, उसे निश्चित तौर पर नहीं रहना है। मर्त्य शब्द मृतिका से जुड़ा है। मृतिका अर्थात मिट्टी। जो भी…

गोवा को नारी शरीर का बाजार क्यों बनाया गया?

दृश्य नंबर वन, (गाने के बोल) – बच के रहना रे बाबा/ तुम पर सबकी नजर है। दृश्य नंबर टू- शेखर यानी रणधीर कूपर को पकड़ने पुर्तगाली पुलिस आती है,…

सनातन जीवन संस्कृति में मांस कहीं नहीं

भारतीय सनातन वैदिक जीवन संस्कृति में मांस कहीं भी भोज्य नहीं है। गाय इस सृष्टि में पृथ्वी के सम्पूर्ण स्वरूप का सुलभ स्वरूप है। कोई भी व्यक्ति समूची पृथ्वी को…

सनातन संस्कृति में रक्षासूत्र बंधन

रक्षा सूत्र बंधन सनातन संस्कृति में अत्यंत महत्वपूर्ण है। रक्षा सूत्र के साथ ही यह संकल्प का भी शक्ति प्रदाता है। रक्षासूत्र बंधन के साथ एक संकल्प अवश्य होता है।…

सनातन वैदिक हिन्दू के लिए प्राण है शिखा

सनातन वैदिक प्रत्येक हिन्दू के लिए सिर की शिखा प्राण के समान है। सनातन संस्कृति का यह प्राणतत्व हम हिंदुओं ने कैसे क्षीण कर लिया है, अब इस पर चिंतन…

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