संस्कृत भाषा को दूसरी बार ज्ञानपीठ पुरस्कार

भारतीय साहित्य में सृजन के सर्वोच्च सम्मान प्रदान करने वालों की दृष्टि 1965 के बाद दूसरी बार संस्कृत भाषा पर पड़ी है। इस बार यह पुरस्कार संस्कृत और उर्दू को…

श्रीराम मंदिर, मोदी का तपस्वी नेतृत्व और संसद में अमित शाह

भारत की संसद में 10 फरवरी, 2024 का दिन ऐतिहासिक रहा। देश के गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने लोकसभा में इस दिन जो उद्गार व्यक्त किया,…

UP budget: रामराज्य की ओर बढ़ती उत्तर प्रदेश की आर्थिक शक्ति

UP budget: उत्तर प्रदेश अब अर्थ संपन्न राज्य है। उत्तर प्रदेश अब शक्ति संपन्न राज्य है। उत्तर प्रदेश अब युवाशक्ति से संपन्न राज्य है। उत्तर प्रदेश अब नारीशक्ति की सुरक्षा…

Dharm Gyan: विज्ञान नहीं जानता, वेद बताते हैं, तुलसी लिखते हैं, वायु के 49 स्वरूप

Dharm Gyan: श्री अयोध्या जी। आइए एक अलौकिक ज्ञान से परिचित हुआ जाय। यह कोई सामान्य जानकारी नहीं है। हमारा सनातन जिसे महाविज्ञान कहता है, यह उसका एक अंशमात्र है।…

Rashtriya Swayamsevak Sangh: जगत को राममय सिद्ध करने की 99 वर्षों की अनथक यात्रा

आज विश्व राम मय है। केवल भारत ही नहीं, दुनिया भर श्रीराम की चर्चा है। अयोध्या की चर्चा है और लोग मांग रहे हैं श्रीरामचरित मानस (Shri Ramcharit Manas)। वह…

हिन्दू विरोधी टूलकिट का हिस्सा हैं फर्जी शंकराचार्य

संजय तिवारी काशी/अयोध्या: कलियुग के कालनेमियों से सनातन समाज को सतर्क रहने की आवश्यकता है। अनेक स्वघोषित शंकराचार्य आजकल चर्चा में हैं। इनके बारे में वास्तविक जानकारी नहीं होने से…

भारत की संत परपम्परा के आधुनिक उन्नायक स्वामी जीतेन्द्रानन्द सरस्वती

वह संन्यासी हैं। संवेदनशील हैं। संघर्षशील हैं। सनातन क्रांतिवीर हैं। ऊर्जावान हैं। राष्ट्रवन्दना के अप्रतिम गायक हैं। भगवान आद्यशंकराचार्य की ज्योतिर्पीठ पर विराजमान शंकराचार्य भगवान स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती के शिष्य…

श्रुति और ऋषि परंपरा से संचालित होता है सनातन

सनातन संस्कृति में केवल श्रुति ही सर्वोच्च है। यहां किसी शीर्ष आचार्य या किसी एक पुस्तक की नहीं चलती। यह विश्व के कल्याण और प्राणियों में सद्भावना का मार्ग है।…

वैदिक ज्योतिष में पंच पक्षी का महत्व और शुभ फलदायी स्थिति

ज्योतिष शास्त्र वेद का एक महत्वपूर्ण भाग है। वैदिक ज्योतिष विज्ञान में पंच पक्षी का बहुत ही महत्वपूर्ण सिद्धांत है। अनेक ग्रहों, नक्षत्रों, वनस्पतियों, नदियों आदि की तरह ही प्रत्येक…

प्रचेता पुत्र ब्रह्मर्षि वाल्मीकि

ब्रह्मर्षि वाल्मीकि त्रिकाल दर्शी हैं। सतयुग, द्वापर और त्रेता तीनों युगों में उनकी उपस्थिति के शास्त्रीय प्रमाण हैं। जगज्जननी भूमिजा सीता जी के चरित्र और गुणों के साथ राम के…

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