Pauranik Katha: ईश्वर का धन्यवाद
Pauranik Katha: एक राजा थे सूर्यसेन। वह बहुत बड़े दानी थे। उनका प्रतिदिन का नियम था सवेरे जल्दी उठते नदी में स्नान करके पूजा-पाठ करते तथा उसके बाद निर्धनों को…
Pauranik Katha: एक राजा थे सूर्यसेन। वह बहुत बड़े दानी थे। उनका प्रतिदिन का नियम था सवेरे जल्दी उठते नदी में स्नान करके पूजा-पाठ करते तथा उसके बाद निर्धनों को…
पहले मित्र बनो तुम अपने, सब जग के बन जाओगे। कदम जहाँ रखोगे जग में, अपनी प्रतिध्वनि पाओगे।। जो भी मिले प्रेरणा पाए, उत्साह उमंग से भर जाये। ले संकल्प…
Pauranik Katha: महाभारत का एक प्रसंग हैं, अश्वमेध यज्ञ चल रहा था, बड़े-बड़े ॠषियों और ब्राह्मणों को दान-दक्षिणा दी जा रही थी। कहतें हैं कि उस यज्ञ में बड़े-बड़े देवता…
Pauranik Katha: सुदर्शन चक्र भगवान श्री हरि विष्णु जी का शस्त्र है। यह चक्र एक ऐसा शस्त्र है, जो चलाने के बाद अपने लक्ष्य पर पहुंच कर उसे भेद कर…
Pauranik Katha: लीला पुरुषोत्तम श्रीकृष्ण ने चंद्रमा की 16 कलाओं से संयुक्त शरद पूर्णिमा की रात्रि को जिस महारास का आयोजन किया था, उपनिषद के मनीषी उसे अध्यात्म क्षेत्र की…
Pauranik Katha: गरुड़ जी को द्वार पर छोड़ कर श्री हरि विष्णु जी और योगमाया शिव से मिलने अंदर चले गए। तब कैलाश की प्राकृतिक शोभा को देख कर गरुड़…
Story: एक राजा का तोता मर गया। उन्होंने कहा, मंत्रीवर! हमारा पिंजरा सूना हो गया। इसमें पालने के लिए एक तोता लाओ। तोते सदैव तो मिलते नहीं। राजा पीछे पड़…
Pauranik Katha: मार्कंडेय पुराण एवं श्री हरिवंश पुराण में वर्णित कथाओं के अनुसार कल्पान्त में भगवान श्री विष्णु क्षीर सागर में शेष शैया पर योगनिद्रा में निमग्न थे। तभी उनके…
Pauranik Katha: भगवान शिव पार्वती जी को बताते हैं कि एक समय कैकेय देश पर महान राजा सत्यकेतु का शासन था। इस राजा के दो पुत्र थे, प्रताप भानु और…
Pauranik Katha: महामुनि मेधा ने राजा सुरथ और समाधि वैश्य को महा सरस्वती का चरित्र इस प्रकार सुनाया। प्राचीन काल में शुम्भ और निशुम्भ नामक दो परम पराक्रमी दैत्य उत्पन्न…