दुनिया के लिए मिसाल है भारत और नेपाल की दोस्ती: प्रो. द्विवेदी

नई दिल्ली: सार्क देशों के पत्रकार संगठन ‘सार्क जर्नलिस्ट फोरम’ (एसजेएफ) के प्रतिनिधिमंडल ने गुरुवार को भारतीय जन संचार संस्थान का दौरा किया। आईआईएमसी के महानिदेशक प्रो. (डॉ.) संजय द्विवेदी…

जनमोर्चा के संपादक शीतला सिंह नहीं रहे

नई दिल्ली: भारतीय जन संचार संस्थान के महानिदेशक प्रो. संजय द्विवेदी ने जनमोर्चा (अयोध्या) के संपादक शीलता सिंह के निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि वे…

प्रगतिशील लोकतंत्र के लिए जरूरी है ‘एक देश एक चुनाव’

एक स्वस्थ्य, टिकाऊ और विकसित लोकतंत्र वही होता है, जिसमें विविधता के लिए भरपूर जगह होती है, लेकिन विरोधाभास नहीं होते। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भविष्योन्मुखी दृष्टि वाले नेतृत्व में…

राष्ट्र विकास, सामाजिक परिवर्तन में मीडिया की अहम भूमिका: प्रो. द्विवेदी

माऊंट आबू: प्रजापिता ब्रह्माकुमारीज ईश्वरीय विश्वविद्यालय के मीडिया प्रभाग द्वारा 4 वर्ष के अंतराल पर ज्ञान सरोवर आबू पर्वत में आयोजित मीडिया सम्मेलन के उदघाटन सत्र को संबोधित करते हुए…

‘कॅरियर’ नहीं, ‘टारगेट’ पर करें फोकस: प्रो. द्विवेदी

नई दिल्ली: “कॅरियर तो 25 साल में आप डॉक्टर, इंजीनियर, प्रोफेसर, वकील, अधिकारी या शिक्षक बनकर पूरा कर लेते हैं, लेकिन टारगेट पूरे करने में जिंदगी लग जाती है। आपका…

अयोध्या को रेडियो के माध्यम से मिलेगी वैश्विक पहचान: प्रो. द्विवेदी

Ayodhya: “हम अपनी संस्कृति, ज्ञान और शोध को रेडियो के माध्यम से आम लोगों तक रोचक ढंग से पहुंचा सकते हैं। अयोध्या आज वैश्विक फलक पर है, पूरा विश्व इसके…

स्वस्थ्य विश्व का आधार बना ‘मिलेट्स’

मिलेट्स यानि मोटा अनाज हमारे स्वास्थ्य, खेतों की मिट्टी, पर्यावरण और आर्थिक समृद्धि में कितना योगदान कर सकता है, इसे इटली के रोम में खाद्य एवं कृषि संगठन के मुख्यालय…

लोकमंगल ही है साहित्य का लक्ष्य: प्रो. द्विवेदी

जबलपुर: एक सच्चा साहित्यकार कभी अपने सामाजिक और राष्ट्रीय सरोकारों से निरपेक्ष नहीं रह सकता। ऐसे लेखकों की रचनाएं न सिर्फ समकालीन समाज के लिए दर्पण का काम करती हैं,…

सकारात्मकता है भारतीय पत्रकारिता का आधार: प्रो. द्विवेदी

मोहाली: “पत्रकारिता पश्चिम की देन है, जो नकारात्मकता पर आधारित है। भारतीय संस्कृति अथवा पत्रकारिता का आधार सकारात्मकता है। इसका उद्देश्य ही लोकमंगल है।” यह विचार भारतीय जन संचार संस्थान…

उपयोगिता और आवश्यकता के आधार पर बढ़ती हैं भाषाएं: प्रो. द्विवेदी

नई दिल्ली: भाषाएं अपनी उपयोगिता, आवश्यकता और रोजगार देने की क्षमता के आधार पर आगे बढ़ती हैं। अगर आज हमारी भाषाएं सीमित हैं, तो इसकी जिम्मेदारी हम किसी और पर…

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