लखनऊ: भारतेंदु नाट्य अकादमी और रंगनाद, लखनऊ के संयुक्त प्रयास से “शिक्षा में रंगमंच का महत्व” विषय पर केंद्रित दस दिवसीय नाट्य कार्यशाला का आयोजन जूनियर हाई स्कूल, बीसी बाजार, कैंट में किया गया। कार्यशाला का समापन 21 जून, 2025 को आरए बाजार तोपखाना स्कूल के प्रेक्षागृह में शानदार प्रस्तुतियों के साथ हुआ।

बच्चों ने सीखा बिना संवाद के अभिव्यक्ति का हुनर

निर्देशिका रोज़ी मिश्रा के नेतृत्व में इस कार्यशाला में बच्चों को थियेटर की बारीकियाँ सिखाई गईं। कार्यशाला का मुख्य फोकस था “आंगिक अभिनय” यानी शरीर की भाषा से संवाद करना। बच्चों को थिएटर गेम्स, रस-भाव, गति-चलन, योग और ध्यान के अभ्यासों के जरिए शारीरिक और मानसिक सजगता के साथ अभिनय करना सिखाया गया। संवाद के बिना केवल हावभाव और मुद्राओं से भावनाओं की अभिव्यक्ति बच्चों के लिए एक नया और रचनात्मक अनुभव रहा।

समापन प्रस्तुति में दिखा आत्मविश्वास और रचनात्मकता

कार्यशाला के अंतिम दिन बच्चों ने दो सुंदर प्रस्तुतियाँ दीं, जिनमें योग और अभिनय की लयात्मक संगति दर्शाई गई। इन प्रस्तुतियों में बच्चों का अनुशासन, स्पष्ट अभिव्यक्ति और शारीरिक नियंत्रण साफ तौर पर दिखाई दिया, जिसे दर्शकों ने खूब सराहा।

इसे भी पढ़ें: जिहाद की डॉक्टरी पढ़ाता है ईरान

शिक्षकों और दर्शकों ने की सराहना

समापन समारोह में कैंट बोर्ड के सभी स्कूलों की प्रधानाचार्याएं साधना सिंह, पूनम, वंदना, किरन, इन्दु गुप्ता और सरन समेत कई शिक्षकगण, छात्र-छात्राएं और अभिभावक उपस्थित रहे। सभी ने इस पहल की प्रशंसा करते हुए कहा कि रंगमंच जैसी गतिविधियाँ बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए अत्यंत आवश्यक हैं।

कार्यशाला का रहा सकारात्मक प्रभाव

यह कार्यशाला न केवल अभिनय प्रशिक्षण का माध्यम बनी, बल्कि इससे बच्चों में आत्मविश्वास, रचनात्मक सोच और भाव-प्रदर्शन की क्षमता में भी उल्लेखनीय वृद्धि हुई। इस आयोजन को सफल बनाने में समीक्षा राठौर, शुभी तिवारी और सुनैना का सहयोग सराहनीय रहा।

इसे भी पढ़ें: बस्ती गेस्ट हाउस विवाद, ठेकेदारी के विवाद में BJP नेता की पिटाई, विधायक समर्थकों पर आरोप

Spread the news