Parliament Inauguration: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को दिल्ली में बने नए संसद भवन का उद्घाटन कर दिया है। नए संसद भवन का उद्घाटन समारोह की शुरुआत सुबह 7.30 बजे से पूजा के साथ हुई। कई विपक्षी दलों के बहिष्कार के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस नए संसद भवन को राष्ट्र को समर्पित किया। पीएम मोदी के साथ नई संसद का उद्घाटन करने के बाद लोकसभा स्पीकर और अन्य मंत्रियों ने सेंट्रल हॉल में जाकर वीर सावरकर को श्रद्धांजलि दी। बता दें कि देश की नई संसद भवन के अंदर चाणक्य और अखंड भारत की तस्वीर लगाई गई है।

पीएम मोदी के विरोध में अंधा हो चुका विपक्ष संवैधानिक संस्थाओं के विरोध से ऊपर उठते हुए भारत की नई संसद भवन के उद्घाटन में शामिल नहीं हुआ। करोड़ों रुपये के चारा घोटाले के दोषी लालू प्रसाद यादव की पार्टी आरजेडी ने अपनी निम्न मानसिकता का दर्शाता हुआ विवादित ट्वीट कर नये संसद भवन की गरिमा को ठेस पहुंचाने का काम तक कर डाला। आरजेडी ने नए संसद भवन को ताबूत की तस्वीर ट्वीट किया है। हालांकि तस्वीर पर बवाल मचने पर आरजेडी की तरफ से सफाई दी गई है। पार्टी की तरफ से कहा गया है कि ये संसद का अपमान नहीं है।

इसी क्रम में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नई संसद में स्थापित हुए पवित्र ‘सेंगोल’ को भारत के न्याय, निष्पक्षता, संप्रभुता और सामर्थ्य का प्रतीक बताया। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा, पीएम मोदी ने आज नए संसद भवन में वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ पावन ‘सेंगोल’ की स्थापना भारत की सांस्कृतिक धरोहरों और उत्कृष्ट लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति सभी देश वासियों के आदर और विश्वास की समेकित अभिव्यक्ति है। यह आजादी के अमृत काल खंड में, भारतीय लोकतंत्र के इतिहास में एक नया स्वर्णिम अध्याय जोड़ता यह राष्ट्रीय कार्य ‘एक भारत-श्रेष्ठ भारत’ के भाव को और अधिक संवर्धित करेगा।

गौरतलब है कि कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों ने नये संसद भवन के उद्घाटन समारोह में शामिल नहीं होने की घोषणा की थी। विपक्ष दलों की मांग थी कि राष्ट्राध्यक्ष होने के नाते राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को नए संसद भवन का उद्घाटन करना चाहिए था। वहीं उद्घाटन समोराह से पहले प्रधानमंत्री ने कहा था कि नया संसद भवन प्रत्येक भारतीय को गौरवान्वित करेगा। उन्होंने नये संसद भवन के परिसर का वीडियो भी शेयर किया था।

नई संसद में उद्घटन के साथ ही तमिलनाडु से संबंध रखने वाले और चांदी से निर्मित एवं सोने की परत वाले ऐतिहासिक राजदंड (सेंगोल) को लोकसभा अध्यक्ष के आसन के पास स्थापित कर दिया गया। यह सेंगोल सत्ता हस्तांतरण के प्रतीक के तौर पर अगस्त, 1947 में भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू को दिया गया था। इसके बाद इस राजदंड को इलाहाबाद संग्रहालय की नेहरू दीर्घा में रख दिया गया था। नए संसद भवन के उद्घाटन के अवसर पर सरकार की तरफ से 75 रुपये का स्मारक सिक्का भी जारी किया गया।

बताते चलें कि त्रिभुजाकार वाले चार मंजिला संसद भवन का निर्मित क्षेत्र 64,500 वर्ग मीटर में फैला हुआ है। नये संसद के अंदर लोकसभा में 888 और राज्यसभा में 384 सदस्यों के बैठने की व्यवस्था की गई है। वहीं संयुक्त सत्र के लिए लोकसभा हॉल में 1,272 सदस्य बैठ सकते हैं। ज्ञात हो कि संसद का मौजूदा भवन 96 वर्ष पुराना है, जिसका निर्माण कार्य वर्ष 1927 में पूरा हुआ था।

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