धरती का उत्पत्ति काल,
नव वर्ष तुम्हारा स्वागत है।
चैत्र शुक्ल प्रतिपदा तुम्हारा,
नवरात्रि प्रथम दिन स्वागत है।।

विक्रम संवत दो हजार अस्सी,
गौरव पराक्रम का स्वागत है।
वसुधा है परिवार हमारा,
नव वर्ष तुम्हारा स्वागत है।।

व्रत संकल्प साधना शुभ दिन,
भवितव्य तुम्हारा स्वागत है।
भारत फिर गुरु गौरव पाए,
नव वर्ष तुम्हारा स्वागत है।।

– बृजेंद्र

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