
नई दिल्ली: भारत के लोकतांत्रिक इतिहास में 2014 का लोकसभा चुनाव एक अहम मोड़ साबित हुआ। यही वो चुनाव था जिसने देश की राजनीति की दिशा और दशा दोनों बदल दी। 16 मई, 2014 को जब नतीजे आए, तो बीजेपी के नेतृत्व में एनडीए को स्पष्ट बहुमत मिला और 20 मई, 2014 को नरेंद्र मोदी ने पहली बार प्रधानमंत्री (narendra modi pradhanmantri) पद की शपथ ली। यही दिन भारतीय राजनीति के इतिहास में ‘रेड लेटर डे’ के तौर पर दर्ज हो गया।
तेलंगाना बीजेपी के अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री जी. किशन रेड्डी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर उस ऐतिहासिक क्षण को याद किया। उन्होंने तत्कालीन राष्ट्रपति द्वारा प्रधानमंत्री मोदी को शपथ ग्रहण के लिए भेजा गया निमंत्रण पत्र साझा करते हुए लिखा कि आज ही के दिन 11 साल पहले नरेंद्र मोदी ने देश के प्रधानमंत्री पद की जिम्मेदारी संभाली थी।
11 years of Jan Seva, Susashan & Bharat Uday…
Eleven years ago today, Shri @narendramodi ji assumed office as the Prime Minister of India.
His leadership has ushered in a true Puran Uday of Bharat marked by civilizational pride, cultural resurgence, and global recognition.… pic.twitter.com/26XBVuJae8
— G Kishan Reddy (@kishanreddybjp) May 20, 2025
उन्होंने इन 11 वर्षों को “जन सेवा, सुशासन और भारत उदय” की यात्रा करार दिया और कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत ने सांस्कृतिक गौरव, सभ्यतागत पुनर्जागरण और वैश्विक पहचान के नए आयाम गढ़े हैं।
जी. किशन रेड्डी ने लिखा, प्राचीन मंदिरों और परंपराओं को पुनर्जीवित करने से लेकर जन सेवा और सुशासन की नई मिसालें कायम करने तक, नरेंद्र मोदी ने भारत को ‘विश्वगुरु’ बनाने की दिशा में मजबूत कदम उठाए हैं। उनका नेतृत्व न केवल दृढ़ और दूरदर्शी है, बल्कि संवेदनशील और जनहितैषी भी है। उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री मोदी आज भी देश और दुनिया के लिए प्रेरणा स्रोत हैं, और वे स्वयं को इस परिवर्तनकारी यात्रा का गौरवशाली हिस्सा मानते हैं।
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प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में बीजेपी ने लगातार तीसरी बार 2024 के आम चुनाव में पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बनाई, जो भारतीय लोकतंत्र के इतिहास में एक ऐतिहासिक उपलब्धि है। इससे पहले केवल पंडित जवाहरलाल नेहरू ही ऐसे प्रधानमंत्री रहे हैं जो तीन बार लगातार पूर्ण बहुमत के साथ सत्ता में लौटे थे। निश्चित ही, 20 मई का दिन न केवल नरेंद्र मोदी और बीजेपी के लिए, बल्कि करोड़ों भारतीयों के लिए भी यादगार दिन बन गया, जिसने नए भारत की नींव रखी।
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