प्रकाश सिंह

गोंडा: बुरे काम का परिणाम बुरा ही होता है। रोहित पांडेय हत्याकांड में जो खुलासा हुआ है वह चौंकाने वाला है। गोंडा पुलिस ने उमरीबेगमगंज थानाक्षेत्र के ग्राम मरगूबपुर निवासी रोहित पांडेय की हत्या का खुलासा करते हुए दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। 18 नवंबर को अज्ञात हमलावरों ने रोहित पांडेय की गोली मारकर हत्या कर दी थी। इस संबंध में मृतक के भाई अजय कुमार पांडेय ने शक के आधार पर 5 नामजद और कुछ अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। वहीं मामले की जानकारी होने पर पुलिस अधीक्षक संतोष कुमार मिश्र रात में ही घटना स्थल पर पहुंचकर अपराधियों की जल्द गिरफ्तारी के निर्देश दिए थे।

Rahit Pandey murder case

पुलिस अधीक्षक गोण्डा संतोष कुमार मिश्र ने थानाध्यक्ष उमरीबेगमगंज को घटना का अनावरण कर दोषियों की शीघ्र गिरफ्तारी करने के निर्देश देते हुए घटना का खुलासा करने के लिए 5 टीमों का गठन किया था। अपर पुलिस अधीक्षक शिवराज के पर्यवेक्षण में एवं क्षेत्राधिकारी तरबगंज के नेतृत्व में थानाध्यक्ष उमरीबेगमगंज व स्वाट/सर्विलांस की संयुक्त टीमों ने विवेचना के दौरान 2 आरोपी रंजीत मिश्र पुत्र अंजनी मिश्र, गुरुदयाल पासी पुत्र जगन्नाथ को शनिवार को बेलसर टैक्सी स्टैण्ड के पास से गिरफ्तार कर लिया गया है। आरोपियों की निशानदेही पर घटना में प्रयुक्त आला कत्ल अवैध देशी तमंचा 12 बोर, 3 अदद खोखा कारतूस व 1 अदद मोबाइल फोन (मृतक का) बरामद कर लिया गया है।

Rahit Pandey murder case

आरोपियों से कड़ाई से पूछताछ के दौरान रंजीत मिश्र ने बताया कि उसकी साली से मृतक रोहित पाण्डेय का पूर्व में प्रेम प्रसंग था। मृतक ने लड़की का अश्लील वीडियो और फोटो बना लिया था। मृतक की तरफ से अश्लील वीडियो वायरल करने की धमकी देकर शादी करने का दबाव बना रहा था। जबकि लड़की पक्ष शादी को तैयार नही थे। इसी बात को लेकर आरोपी रंजीत मिश्र ने अपने साथी गुरुदयाल पासी के साथ मिलकर रोहित पाण्डेय की हत्या की योजना बनायी थी।

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योजना के तहत रंजीत मिश्र ने 18 नवंबर को फोन पर मृतक रोहित पांडेय को मेला देखने के बहाने बुलाया था और अपने साथी गुरुदयाल पासी के साथ उसे लेकर पथरी बाजार मेला देखने गए थे। मेला से लौटते समय सुनसान स्थान देखकर दोनों आरोपियों ने रोहित पाण्डेय की गोली मारकर हत्या कर दी। इसके बाद दोनों मृतक का मोबाइल फोन भी साथ लेकर चले गए थे। मामले के खुलासे के लिए गठित टीमों द्वारा इस सनसनीखेज घटना का मुखबिर की सूचना व तकनीकी का प्रयोग करते हुए खुलासा कर लिया गया। वहीं गोंडा पुलिस अधीक्षक ने टीमों का उत्साहवर्धन करते हुए 25,000 रुपये नगद पुरस्कार से पुरस्कृत किया।

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