Shailendra Kumar Yadav
शैलेन्द्र कुमार यादव

Motivational Story Hindi: दोस्तों आपको एक कहानी (Instagram Story Download) सुनाता हूं, जो एक दम सच्ची घटना पर आधारित है। एक बार एक दीवान (Police Academy) छुट्टी के लिए परेशान थे। कई दिन बीत गए, लेकिन उन्हें छुट्टी नहीं मिल पा रही थी। (Motivational Story Hindi) ऊपर से घर से पत्नी का फोन आ रहा था कि तुम सिर्फ बहाने लगा रहे हो। (Motivational Story Hindi) बेटी का जन्मदिन है कल और माता जी की तबीयत भी काफी खराब है। (Instagram Story Download) कोई पता नहीं है उनका, कब चल बसे। (Police Academy) दीवान पत्नी की रोज रोज की खिंचाई से तंग आ गए थे, पर बात तो सही कह रही थी। (Motivational Story Hindi) परिवार की जिम्मेदारी से विमुख हो गए हैं, ऐसा उनको खुद लगता था।

कभी किसी त्योहार और परिवार में होने वाले प्रोग्राम में नहीं पहुंचते थे। दीवान सोच रहे, आखिर किस सुख के लिए नौकरी की। जिस मां ने पाल पोश कर बड़ा किया, उसको मैं तोड़ी सी भी सेवा नहीं कर पा रहा। (Motivational Story Hindi) अपने ऊपर खीज रहे थे, आखिरकार दीवान ने मिन्नते करके शाम तक छुट्टी ले ही ली। (Police Academy) दीवान ने मां और बेटी के जन्मदिन के हिसाब से 7 दिवस की छुट्टी लिखी थी, पर 5 दिन ही फॉरवर्ड होकर गई थी। (Instagram Story Download) लेकिन ऊपर के अधिकारी ने 7 दिवस की ही छुट्टी कर दी थी।

दीवान (Police Academy) का दिमाग बिल्कुल भी नहीं गया, वो सिर्फ़ अपने परिवार के बारे में ही सोच रहे थे। घर गांव में था और शहर से लगभग 45km दूर था। दीवान शहर में शाम को 9 बजे पहुंचे। अब कोई वाहन घर जाने के लिए नहीं मिल रहा था और रात हो जाने के कारण से कोई ऑटो वाला भी जाने को तैयार न था, शायद वो भी दिन भर ऑटो चला कर थक गए थे और अपने घर जाने लगे थे।

बिटिया का सुबह जन्मदिन था, दीवान की आंखें भर आईं। कोई गिफ्ट भी नहीं मिल रहा था। देर होने के कारण दुकानें भी बंद हो चुकी थी, लेकिन बेटी को पापा आ जाए शायद वही सबसे अच्छा गिफ्ट था। दीवान ने आखिर पैदल ही घर जाने का मन बना लिया, तभी एक ऑटो वाले ने पूछा दीवानी जी, कहा जाना है, इतनी रात में पैदल जा रहे हो। दीवान ने सब कुछ बताया, तो ऑटो वाला आखिर दीवान को घर तक छोड़ने को राज़ी हो गया। दीवान ऑटो पर बैठकर ऐसा महसूस कर रहे थे, जैसे पुष्पक विमान पर सवार होकर घर जा रहे हों, रात लगभग 11:50 तक घर पहुंच गए।

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ऑटो वाले को धन्यवाद दिया और पैसा देकर विदा किया। सुबह उठ कर दीवान माता जी की सेवा में लग गए। 3 दिन बीते दीवान को वापस जाने का डर लगने लगा। काफी दिनों के बाद घर जो आए थे। आखिर वो घड़ी आ ही गई। पत्नी-बच्चों ने रोते हुए विदा किया। दीवान भी एक दम भाव विभोर हो चुके थे, पर परिवार की जिम्मेदारी और सब चीजे सोचकर दिल पर पत्थर रख कर निकल पड़े। अभी शहर में ट्रेन पकड़ने के लिए पहुंचे ही थे, तभी कार्यालय में फोन किया, तो पता चला कि अभी 2 दिन छुट्टी शेष है। दीवान इतने खुश थे, जिसका कोई वर्णन नहीं किया जा सकता। उनको ऐसा महसूस हो रहा था कि जैसे यमराज के यहां से लौटकर घर जा रहे हों। खुशी से झूम कर घर वापसी की तरफ निकल पड़े।

घर पहुंचे तो उनकी पत्नी और बच्चों को विश्वास ही नहीं हो रहा था, जो आदमी 3 महीने बाद घर आ पाता हो, वो इतनी जल्दी कैसे आ गए। दीवान ने पूरी बात बताई, सबकी आंखे खुशी से भर आईं। 60 वर्ष की सेवा पूरी करके अपनी पत्नी के साथ घर जाने के लिए निकले ही थे कि रास्ते में एक्सीडेंट हो गया और दीवान और उनकी पत्नी इस इस दुनिया में नहीं रहे।

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