रवींद्र प्रसाद मिश्र

BSP Chief Mayawati: हवा के रुख को भाप लेने वाले को कुशल राजनीतिज्ञ माना जाता है। कुशल नेताओं की जब भी बात होगी मायावती (Mayawati) का नाम सामने जरूर आएगा। पुरुष प्रधान राजनीति में बसपा (BSP) सुप्रीमो मायावती (Mayawati) ने संघर्ष की जो मिसाल पेश किया वह उत्तर प्रदेश की राजनीति में हमेशा जीवंत रहेगा। वर्ष 2014 लोकसभा चुनाव के दौरान भारतीय राजनीति (BJP) में जो परिवर्तन आया उसका शिकार जाति, धर्म और मजहब की राजनीति करने वाले सभी दल हुए। सबका साथ और सबका विकास का मूल मंत्र लेकर जनता के बीच पहुंची भाजपा ने जनभावनाओं पर ऐसी पकड़ बनाई कि जाति आधारित राजनीति करने वाले राजनीतिक दल हाशिए पर चले गए।

इनमें से एक नाम बहुजन समाज पार्टी (BSP) का भी शामिल है। उत्तर प्रदेश में चार बार मुख्यमंत्री रहने वाली मायावती (Mayawati) के सामने आज पार्टी की वजूद बचाने की चुनौती है। वहीं सपा की राजनीति भी हाशिए पर चली गई है। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव जहां पार्टी की खांमियों को दूर करने के लिए बीजेपी (BJP) की सरकार को कोसने में जुटे रहते हैं। बीजेपी (BJP) को हराने के लिए हर उस नेता से हाथ मिला रहे हैं, जिनका कोई वजूद नहीं रह गया है। वहीं बसपा (BSP) सुप्रीमो मायावती (Mayawati) इन सब कवायद से दूर अपनी पार्टी को फिर से खड़ी करने के लिए सियासी जमीन तलाशनी शुरू कर दी है।

बीजेपी को सत्ता से बाहर करने के लिए जहां पूरा विपक्ष एकबार फिर साथ आने की रणनीति पर काम कर रहा है, वहीं बसपा (BSP) सुप्रीमो मायावती ने 15 जनवरी को अपने जन्मदिन (Mayawati Birthday) पर विपक्षी एकता को तगड़ा झटका देते हुए लोकसभा चुनाव अकेले लड़ने का एलान कर दिया है। उन्होंने साफ किया कि बहुजन समाज पार्टी लोकसभा चुनाव 2024 (Loksabha Election 2024) अकेले अपने दम पर लड़ेगी। किसी दल के साथ कोई भी गठबंधन नहीं किया जाएगा। इतना ही नहीं 2023 में जिन राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं वहां भी बसपा (BSP) कोई गठबंधन नहीं करेगी।

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गौरतलब है कि बसपा (BSP) सुप्रीमो मायावती अपने 67वें जन्मदिन के मौके पर अलग अंदाज में नजर आईं। उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान मीडिया के हर एक सवाल का जवाब दिया। इन सवालों में चाहे बसपा को चुनाव में मिल रही हार का रहा या फिर बीजेपी के पसमांदा प्रेम पर। मायावती ने मीडिया के हर सवालों का खुलकर जवाब दिया। उन्होंने कहा कि वर्ष 2023 में कर्नाटक, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और 2024 के लोकसभा के चुनाव बीएसपी अकेले अपने दम पर लड़ेगी। किसी के साथ कोई गठबंधन नहीं होगा, क्योंकि कांग्रेस ने बीते दिनों लोगों में यह भ्रम फैला रखा था कि वो बसपा से गठबंधन करेंगे, लेकिन हमारी पार्टी यह नहीं करेगी।

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