कोलकाता: पश्चिम बंगाल में भले ही टीएमसी की पूर्ण बहुमत की सरकार बनी हो पर ममता बनर्जी की मुख्यमंत्री पद पर संकट के बादल छाते दिख रहे हैं। ऐसे में उनकी मुख्यमंत्री की कुर्सी छिनती नजर आ रही है। क्योंकि विधानसभा चुनाव में नंदीग्राम सीट से ममता बनर्जी हार गई थीं। वह हारकर मुख्यमंत्री बनीं, ऐसे में उपचुनाव होने में देरी ममता बनर्जी को लेकर पार्टी में अब चिंता बढ़ने लगी है। क्योंकि मुख्यमंत्री बने रहने के लिए ममता बनर्जी को 5 नवंबर से पहले उपचुनाव में जीतकर विधानसभा पहुंचना होगा। वहीं उपचुनाव की कोई हलचल न होता देख चिंतित पार्टी नेता गुरुवार को नई दिल्ली में चुनाव आयोग के कार्यालय पहुंचे और रिक्त हुई सीटों पर जल्द से जल्द उपचुनाव कराने की मांग की है।

टीएमसी के नेताओं को अब यह डर सताने लगा है कि यदि कोरोना महामारी की वजहों से यदि उपचुनाव में देरी हुई तो ममता बनर्जी को अपने पद से इस्तीफा देना पड़ सकता है। इस संदर्भ में टीएमसी सांसद सुदीप बंधोपाध्याय ने बताया कि आज दिल्ली में टीएमसी प्रतिनिधिमंडल ने सात विधानसभा सीटों पर उपचुनाव को लेकर मुख्य चुनाव आयुक्त से मुलाकात की। उन्होंने कहा कि हमने चुनाव आयुक्त से अपील की है कि सभी उपचुनाव 6 महीने की भीतर संपन्न होने चाहिए। उन्होंने कहा, चुनाव आयोग हमारी बात को समझेगा और उम्मीद है जल्द उपचुनाव का एलान कर दिया जाए।

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बताते चलें कि विधानसभा चुनाव नतीजों के बाद भवानीपुर सीट से जीते टीएमसी विधायक शोभनदेव चट्टोपाध्याय ने यह सीट छोड़ दी है, ताकि ममता बनर्जी यहां से चुनाव लड़ सकें। इससे पहले ममता बनर्जी 2011 से इस सीट पर दो बार विधायक चुनी जा चुकी हैं। लेकिन इस बार ममता बनर्जी ने अपने पूर्व सहयोगी शुभेंदु अधिकारी को चुनौती देते हुए नंदीग्राम सीट से चुनाव लड़ीं। लेकिन वह शुभेंदु अधिकारी से चुनाव हार गईं।

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