इंदौर: मुगल चले गए लेकिन कुछ लोगों की वजह से पूरा समाज मुगलों के नामों के अधीन जीने को आदी हो गए। शायद यही वजह है कि देश में भारतीय गौरव गाथा बताने वालों की कम और देश की संस्कृति को बर्बाद करने वालों के प्रतीक व स्मारक ज्यादा देखने को मिलते हैं। भाजपा सरकार ऐसे कंलक गाथाओं को दूर करने की दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए बर्बर और आततायियों मुगलों से जुड़े निशान मिटाने का काम कर रही है। मुस्लिमों के नाम पर बसे शहरों का नाम बदलने के साथ ही अब गांव का नाम बदलना शुरू हो गया है। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में अब गांव-कस्बों के नाम बदलने का सिलसिला शुरू हो गया है। गुरुवार को सरकार ने भोपाल (Bhopal) के करीब गांव इस्लामनगर (Islamnagar) का नाम बदलकर जगदीशपुर (Jagdishpur) कर दिया है। बता दें कि 300 वर्षों से यह गांव इस्लामनगर के नाम से जाना जाता था।

Islamnagar

सरकार ने गुरुवार को इस्लामनगर (Islamnagar) गांव का नाम बदलने को लेकर नोटिफिकेशन जारी कर दिया। अब यह गांव जगदीशपुर (Jagdishpur) के नाम से जाना जाएगा। स्थानीय लोगों के मुताबिक 300 साल पहले इस गांव को जगदीशपुर नाम से ही जाना जाता था। मुगल बादशाह दोस्त मोहम्मद खान की बुरी नजर लग गई। उसने राजपूत राजा को दावत के बहाने नदी के पास बुलाया और वहां राजा को षड्यंत्र पूर्वक हत्या कर दी। इसके बाद से उस नदी का नाम भी हलाली नदी पड़ गया था। केंद्र में मोदी के नेतृत्व में आई भारतीय जनता पार्टी की सरकार में जगदीशपुर के रहवासियों ने गांव के नाम को परिवर्तित कराने के लिए प्रयास शुरू किए थे। इसी का नतीजा है कि 1 फरवरी को मध्य प्रदेश सरकार ने गांव का नाम इस्लामनगर से परिवर्तित करते हुए जगदीशपुर करने के लिए गजट नोटिफिकेशन जारी कर दिया।

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होशंगाबाद का नाम नर्मदापुरम किया गया था

गौरतलब है कि बीते दिनों यहां होशंगाबाद ज़िले का नाम भी बदलकर नर्मदापुरम किया गया था। इस शहर का नाम बदलने को लेकर भी लंबे समय से मांग चल रही थी। इसी क्रम में भोपाल के हबीबगंज रेलवे स्टेशन का नाम भी बदलकर रानी कमलापती कर दिया गया था। मध्य प्रदेश में इसी वर्ष दो गांवों के नाम बदले गए हैं। इनमें टीकमगढ़ जिले का गांव शिवपुरी शामिल है। इसके अलावा अचर्रा गांव का नाम भी बदल दिया गया है। सरकार ने शिवपुरी गांव का नाम बदलकर कुंडेश्वर धाम कर दिया, तो वहीं अचर्रा गांव का नाम बदलकर आचार्य धाम किया गया था।

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