Lucknow: वर्धमान अस्पताल एवं द होप रिहैबिलिटेशन के संयुक्त प्रयास से रविवार को विश्व ऑटिज्म दिवस के मौके पर जागरूकता अभियान कैंप का आयोजन किया गया। इस कैंप के जरिए ऑटिज्म के मामलों में जागरूकता फैलाने का कार्य किया गया और इस समस्या से पीड़ित लोगों को उनके अधिकारों के बारे में जानकारी भी दी गई। इसके अलावा ऑटिज्म के मामलों में नवीनतम तकनीकी विकास और उपचारों पर भी चर्चा की गई।

वर्धमान अस्पताल के डॉ. वैभव जैन ने बताया कि ऑटिज्म को लेकर दुनिया में कई तरह के मिथ्य हैं कि ये एक भयानक बीमारी है, जिसे कभी ठीक नहीं किया जा सकता। लेकिन, ऐसा नहीं है… इस तरह के बच्चे बहुत ही अलग होते हैं और इनके सोचने, समझने की क्षमता भी अलग होती है।

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ऑटिज्मो बच्चों के लिए खोला है स्कूल

द होप रिहैबिलिटेशन के मैनेजिंग डायरेक्टर दिव्यांशु ने बताया कि उन्होंने ऑटिज्म ग्रसित बच्चों के लिए एक स्कूल खोला है, जिससे उन बच्चों को सभी तरह की एक्टिविटीज करवाई जा सके। इस स्कूलल को स्पेशल और नॉर्मल स्कूलों के बीच की एक कड़ी के रूप में विकसित करने की कोशिश की गई है। रिहैबिलिटेशन सेंटर की मैनेजिंग डायरेक्टर डॉ. प्रीती ने बताया कि रेगुलर थेरेपी सेशंस के जरिए बच्चों में ऑटिज्म की वजह से पनपे डेवेलपमेंटल माइलस्टोन डीलेज को कवर करते हुए बच्चों को मुख्य धारा में शामिल करा जा सकता है। बच्चों में सिर्फ अनचाहे बेहेवियर डेवेलप हो जाने की वजह से इनके नॉर्मल रूटीन में समस्या होती है अन्यथा इन बच्चों के सोचने समझने और कार्य करने की क्षमता अन्यों की अपेक्षा ज्यादा रहती है।

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उन्होंने बताया कि संस्था वर्तमान में ऑटिज्म जागरूकता और निवारण के लिए कई सारे अस्पतालों के साथ जुड़कर एक बड़े स्तर का जागरूकता अभियान चलने पर काम कर रही है, जिसकी वजह से लखनऊ के विभिन्न अस्पतालों में इस तरह कैंप लगाकर पीड़ित परिवारों के सदस्यों को जागरूक और प्रशिक्षित किया जाएगा। आने वाले वक्त में संस्था पीड़ित बच्चों के लिए लखनऊ में बच्चों के इलाज के लिए नई तकनीक को विक्षित करने के लिए शोध कार्यों को भी प्रोत्साहित। इस कैंप के जरिए तकरीबन 63 परिवारों को लाभ मिला।

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