लखनऊ: कोरोना महामारी ऐसी है, जिसका संक्रमण तेजी से फैलता है, परन्तु मृत्यु दर कम है। जिस बीमारी से मृत्यु दर कम होती है, उसे कंट्रोल करना थोड़ा मुश्किल होता है। कोरोना की दूसरी लहर का भीषण प्रकोप देखने को मिला, ऐसे में सरकार और प्रशासन संकल्पित है कि बच्चों पर संभावित तीसरी लहर का प्रभाव न पड़े। कोरोना से बचाव के लिए व्यावहारिक अनुशासन बेहद जरूरी है। वैक्सीन लगने के बाद लोग संक्रमित नहीं होंगे, इसकी कोई गारंटी नहीं, हालांकि संक्रमण का प्रभाव कम होगा। उक्त बातें मुख्य वक्ता केजीएमयू के चिकित्सक डॉ. जीपी सिंह ने गुरुवार को सरस्वती कुंज निरालानगर स्थित प्रो. राजेन्द्र सिंह रज्जू भैया डिजिटल सूचना संवाद केंद्र में आयोजित ‘बच्चे हैं अनमोल’ कार्यक्रम के 20वें अंक में कहीं। इस कार्यक्रम में विद्या भारती के शिक्षक, बच्चे और उनके अभिभावक सहित लाखों लोग आनलाइन जुड़े थे, जिनकी जिज्ञासाओं का समाधान भी किया गया।

मुख्य वक्ता केजीएमयू के चिकित्सक डॉ. जीपी सिंह ने कहा कि वर्तमान में सम्पूर्ण विश्व कोरोना के संक्रमण से युद्ध कर रहा है और इससे उबरने के लिए संघर्ष जारी है। अब तक इसका प्रभाव वयस्कों पर अधिक देखने को मिला है, जबकि बच्चों पर संक्रमण का प्रभाव कम है। उन्होंने कहा कि हमारे देश में 18 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को वैक्सीन लग चुकी है और कई लोग ऐसे भी हैं जो कोरोना के संक्रमण से उबर चुके हैं, जिससे उनमें एंटीबॉडी बन चुकी है, ऐसे में उनकी ज़िम्मेदारी बनती है कि वह बच्चों को संक्रमण से बचाएं।

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उन्होंने कहा कि एक-दूसरे के संपर्क में आने से संक्रमण तेजी से फैलता है इसलिए बच्चों को बाहर जाने और दूसरों से मिलने से रोकें। उन्होंने कहा कि यदि कोई पहले से डाइबिटीज़ जैसी गंभीर बीमारी से ग्रसित है तो उसको समय से दवाई और भोजन दें। वयस्कों को कोरोना के प्रति अनुशासित होना आवश्यक है, क्योंकि बच्चे उन्हीं से सीखते हैं। तभी वह भी कोरोना की गाइडलाइंस का पालन करेंगे। साथ ही उन्होंने अभिभावकों से घर में बच्चों को सुरक्षित और सकारात्मक वातावरण देने की अपील की।

विशिष्ट वक्ता एकेटीयू के रजिस्ट्रार प्रदीप बाजपेयी ने सांख्यिकीय अध्ययन के आधार पर अगस्त से अक्टूबर के बीच कोरोना की तीसरी लहर आने की आशंका व्यक्त की। उन्होंने कहा कि पहली और दूसरी लहर में कोरोना का वयस्कों पर ज्यादा प्रभाव देखने को मिला। उन्होंने कहा कि अतिआत्मविश्वास की वजह से दूसरी लहर भयावह रूप में दिखी, ऐसे में सतर्कता बरतने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि टीकाकरण के बाद भी तय नहीं है लोग संक्रमित होंगे या नहीं, क्योंकि वैक्सीनेशन के बावजूद कोरोना संक्रमितों का ग्राफ ऊपर की ओर ही बढ़ रहा है। इससे अनुमान लगाया जा रहा है कि तीसरी लहर का भी ज्यादा असर देखने को मिल सकता है, इसलिए हमें डरने की जरूरत नहीं बल्कि इससे लड़ने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि हमने अपने मार्गदर्शकों यानि बुजुर्गों को सुरक्षित कर लिया है, लेकिन अब हमारे देश की अनमोल धरोहर हमारे बच्चों को बचाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि बच्चों के लिए भी सितम्बर तक वैक्सीन आ सकती है।

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कार्यक्रम अध्यक्ष विद्या भारती पूर्वी उत्तर प्रदेश के अवध प्रांत के प्रदेश निरीक्षक राजेन्द्र बाबू ने कहा कि कोरोना की पहली और दूसरी लहर में घर की महिलाओं के सामने जो चुनौती आई, उसको अवसर में बदल दिया। इससे एक नया स्वरूप खड़ा हुआ, जो परिवार को साथ मिलकर काम करने, रहने के लिए प्रेरित किया। विद्या भारती ने ऑनलाइन कुटुम्ब प्रबोधन के जरिए भैया-बहनों की माताओं और बहनों को प्रशिक्षित किया गया। वह अपने परिवार की दिनचर्या को कैसे ठीक करें, उसके लिए कार्य किया। इसके साथ ही महिलाओं को योग करने के लिए प्रेरित किया गया, जिससे उनका स्वास्थ्य ठीक रहे। उन्होंने कहा कि घर की माताएं-बहनें भी इतनी जागरूक हो गई हैं कि वह तीसरी लहर से बच्चों को बचने के लिए हरसम्भव प्रयास कर रही हैं।

उन्होंने कहा कि जो अभिभावक व माताओं ने अभी तक वैक्सीन नहीं लगवाई है वह जरूर लगवा लें, क्योंकि आप सुरक्षित तो बच्चे सुरक्षित। तीसरी लहर को लेकर अभिभावक डरें नहीं, मजबूत रहें। कार्यक्रम का संचालन विद्या भारती पूर्वी उत्तर प्रदेश के प्रचार प्रमुख सौरभ मिश्रा जी ने किया। इस कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पूर्वी उत्तर प्रदेश के विभाग प्रचारक संजय, विद्या भारती पूर्वी उत्तर प्रदेश के सह प्रचार सह प्रचार प्रमुख भास्कर दूबे, बालिका शिक्षा प्रमुख उमाशंकर, शुभम सिंह सहित कई पदाधिकारी और कर्मचारी मौजूद रहे।

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