लखनऊ। हर परिवार के न्यूनतम एक सदस्य को रोजगार से जोड़ने की बड़ी योजना पर काम कर रही योगी सरकार ने ‘परिवार आईडी- एक परिवार एक पहचान’ बनवाने के लिए ऑनलाइन पोर्टल https://familyid.up.gov.in जारी कर दिया है। ऐसे सभी परिवार जो राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के पात्र नहीं हैं, यानी जिनके पास राशन कार्ड नहीं है, वह परिवार आईडी बनवा सकेंगे, जबकि राशन कार्ड धारक परिवारों की राशन कार्ड आईडी ही उनकी परिवार आईडी मानी जाएगी।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा के अनुसार, एक परिवार एक पहचान योजना के तहत प्रत्येक परिवार को एक विशिष्ट पहचान जारी की जा रही है, जिससे राज्य की परिवार इकाइयों का एक लाइव व्यापक डेटाबेस स्थापित होगा। यह डेटाबेस लाभार्थीपरक योजनाओं के बेहतर प्रबंधन, समयबद्ध लक्ष्यीकरण, पारदर्शी संचालन एवं योजना का शत-प्रतिशत लाभ पात्र व्यक्तियों तक पहुंचाने और जनसामान्य के लिए सरकारी सुविधाओं के सरलीकरण करने में सहायक होगा। परिवार आईडी के माध्यम से प्राप्त एकीकृत डेटाबेस के आधार पर रोजगार से वंचित परिवारों का चिन्हांकन कर उन्हें रोजगार के समुचित अवसर प्राथमिकता पर उपलब्ध कराए जा सकेंगे। बीते दिनों परिवार आईडी प्रगति की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने परिवार पासबुक तैयार करने के भी निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री के निर्देशों के अनुसार, हर एक परिवार को मिल रहे शासकीय योजनाओं के लाभ का पूरा विवरण दर्शाते हुए परिवार का पासबुक भी तैयार कराया जाएगा। इससे प्रदेश के हर परिवार के स्वावलम्बन और सशक्तिकरण का अभियान पूरा किया जा सकेगा। पास-बुक और परिवार आईडी जारी करने से पूर्व परिवार के संबंध में सभी जानकारी को विधिवत प्रमाणित किया जाएगा।

3.61 करोड़ परिवारों को नहीं बनवानी होगी परिवार आईडी वर्तमान में उत्तर प्रदेश में निवासरत लगभग 3.61 करोड़ परिवार के 15.06 करोड़ व्यक्ति राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना का लाभ पा रहे हैं। फैमिली आईडी के लिए लागू व्यवस्था के अनुसार इन परिवारों की राशनकार्ड संख्या ही फैमिली आईडी होगी। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना से आच्छादित न होने वाले परिवार जो राशनकार्ड के पात्र नहीं हैं, उन्हें फैमिली आईडी पोर्टल https: / / familyid.up.gov.in/portal/index.html के माध्यम से फैमिली आईडी उपलब्ध कराई जाएगी। यह पोर्टल उन परिवारों को 12 अंकों की विशिष्ट परिवार आईडी प्रदान करने के लिए विकसित किया गया है जो राशन कार्ड धारक नहीं हैं, यहां वे स्वयं को और अपने परिवार के सदस्यों को पोर्टल पर जोड़कर आवेदन कर सकते हैं। भविष्य में सरकारी योजनाओं का लाभ प्राप्त करने हेतु फैमिली आईडी से सहूलियत होगी। जो परिवार सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं ले रहे हैं, वे भी स्वेच्छा से फैमिली आईडी प्राप्त कर सकते हैं। अब तक पोर्टल पर 78 हजार आवेदन मिल चुके हैं, जिसमें से 37 हजार के आवेदनों को स्वीकृति भी मिल चुकी है। परिवार आईडी के लिए बनाई गई कार्ययोजना के अनुसार विभिन्न विभागों के डेटाबेस को जोड़ा जाएगा। ऐसे में विभिन्न सरकारी योजनाओं में आवेदन करते समय वांछित अभिलेखों को स्कैन कर अपलोड करने की आवश्यकता नहीं होगी। परिवार आईडी पोर्टल पर आधार आधारित ई-केवाईसी की सुविधा उपलब्ध है।

ऐसे बनेगी परिवार आईडी

● परिवार का कोई वयस्क सदस्य जो फैमिली आईडी हेतु स्वयं एवं परिवार के अन्य सदस्यों की ओर से परिवार आईडी पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन कर सकता है।

● यदि कोई आवेदक फैमिली आईडी निर्मित करने के लिये स्वयं आवेदन करता है, तो किसी भी प्रकार का यूजर चार्ज देय नहीं होगा। जनसेवा केन्द्रों के माध्यम से आवेदन करने पर ₹30 का शुल्क देना होगा।

● परिवार आईडी बनवाने के लिए आवेदन के सत्यापन की प्रक्रिया ई-डिस्ट्रिक्ट पोर्टल की तरह होगी, जिसके अन्तर्गत उल्लिखित परिवार एवं परिवार के सदस्यों का सत्यापन शहरी क्षेत्रों में उप जिलाधिकारी द्वारा संबंधित लेखपाल के माध्यम से तथा ग्रामीण क्षेत्रों में खंड विकास अधिकारी द्वारा सम्बन्धित ग्राम पंचायत अधिकारी/ग्राम विकास अधिकारी के माध्यम से किया जाएगा।

● राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के तहत राशन कार्ड धारकों को परिवार आईडी बनवाने की जरूरत नहीं होगी। उनकी राशन कार्ड आईडी ही परिवार आईडी होगी।

Spread the news