कुशीनगर: खुशी का पल कब मातम में बदल जाए इस बारे में कुछ कहा नहीं जा सकता। कुशीनगर में जरा सी चूक ने खुशी के पल को मातम में बदल दिया है। हर तरफ चीख पुकार मचा हुआ है। हर कोई इस हादसे से बदहवास नजर आ रहा है। घटना पर लोगों को अभी भी यकीन नहीं हो पा रहा है। वहीं प्रशासनिक लापरवाही का लोगों में गुस्सा भी झलक रहा है। उत्तर प्रदेश के कुशीनगर में बुधवार की रात हुए एक दर्दनाक हादसे में 13 लोगों की मौत हो गई है। यह हादसा जिले के नौरंगिया (Naurangiya) के स्कूल खास टोला के पास उस समय हुई जब महिलाएं और युवतियां विवाह से पहले निभाई जाने वाली रस्म की अदायगी कर रही थीं। रात नौ बजे के करीब रस्म की प्रक्रिया पूरी कर सभी लौट रहे थे इसी दौरान सभी खास टोला के पास रुक गए और नाच गाना चल रहा था। लोग जहां खड़े थे वह कुंआ था, स्लैब पड़े होने की वजह से किसी को समझ नहीं आया कि यह कुंआ है यह जमीन।

नाच गाना देखने के लिए लोगों की भीड़ बढ़ती गई। स्लैब पर लोगों की भीड़ बढ़ने की वजह से वह टूट गया और लोग कुंए में समा गए। जश्न के माहौल में चीख पुकार मच गई। थोड़ी देर में हादसे की खबर गांव के लोगों को हुई। गांव वालों की भीड़ कुंए में गिरे लोगों को निकालने में जुट गई। अंधेरा होने की वजह से लोगों को लगा कि कम लोग गिरे हैं। ग्रामीणों के अनुसार लंबी सीढ़ी लगाकर लोगों को निकालने का प्रयास शुरू किया गया। कुछ देर बाद टॉर्च की रोशनी से पता चला कि कुंए में कई लोग गिरे हैं। इसके बाद लोगों ने एंबुलेंस के लिए संपर्क करना शुरू किया, जिससे काफी देर बाद संपर्क हो पाया।

Kushinagar hadsa

हालांकि एंबुलेंस से पहले पुलिस पहुंच गई। पुलिस की मदद से फायर ब्रिगेड को बुलाया गया। ​कुंए में पाइप के साथ पंप को जोड़ा गया। कुंए से पानी निकालने के बाद पता चला कि इसमें कुल 23 लोग गिरे हैं। सभी को आनन फानन में अस्पताल भेजा गया, जिसमें से 13 लोगों के मरने की खबर है। हर तरफ अफरा तफरी का माहौल है, वहीं मृतकों की शिनाख्त करने में भी दिक्कत हो रही है।

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उधर हादसे की जानकारी होने पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गहरा दुख व्यक्त करते हुए हर संभव मदद का भरोसा दिलाया है। सांसद विजय दुबे और विधायक जटाशंकर त्रिपाठी ने बताया कि घायलों के इलाज के लिए स्पेशल टीम को लगाया गया है। वहीं ग्रामीणों का आरोप है कि एंबुलेंस के पहुंचने में देरी की वजह से लोगों को काफी दिक्कत हुई, अगर एंबुलेस समय से मिल गई होती तो कुछ और जिंदगियों को बचाया जा सकता है।

ग्रामीणों ने मौके पर पहुंचे अधिकारियों को बताया कि रात करीब 9.30 बजे एंबुलेंस और डायल 112 को घटना की सूचना दी गई। पुलिस कुछ देर में पहुंच गई, जबकि एंबुलेंस को पहुंचने में घंटों लग गए। कुंए से निकाले गए घायलों को पुलिस अपनी गाड़ी से अस्पताल पहुंचाया। इस पर जिलाधिकारी ने कहा है कि यह सभी जांच के विषय हैं।

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