नई दिल्ली: समय के हिसाब से क्षेत्र व समाज में परिवर्तन होते रहते हैं, लेकिन कभी कभी नकारात्मकता का बड़ा परिवर्तन हमारे सामने हो जाते हैं और हमें इसका आभास भी नहीं होता। इसी तक का परिवर्तन केरल और पश्चिम बंगाल में भी हो रहा है। जहां हिदुत्व की बात करनी सजा सी हो गई है। हाल के वर्षों में इन राज्यों में हिंदुओं पर हमले काफी बढ़े हैं। धर्म, मजहब के नाम पर समाज में जहर घोलने वाले रानीतिज्ञ भी इन हमलों पर चुप्पी साधे हुए हैं। इसी का नतीजा है कि इन राज्यों में न सिर्फ हिंदुओं पर हमले बढ़े हैं, बल्कि क्रूरता व हैवानियत की सारी हदों को भी पार कर दिया गया है।

केरल (Kerala) में एकबार फिर राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (RSS) के कार्यकर्ता की हत्या पर हंगामा मच गया है। दिनदहाड़े हुई इस घटना के बाद से क्षेत्र में तनाव बढ़ गया है। हिंदू संगठन में इस घटना को लेकर काफी नाराजगी देखी जा रही है। हैरान करने वाली बात यह है कि यह घटना कोझीकोड जिले में आरएसएस के एक कार्यालय पर बमों से हुए हमले के कुछ घंटे बाद हुई है।

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उपद्रवियों ने 27 साल के आरएसएस कार्यकर्ता संजीत को घेरकर बेरहमी से हत्या कर दी। हत्यारों ने संजीत की पत्नी के सामने चाकूओं से गोदकर उसकी हत्या की। संजीत पत्नी को लेकर कहीं जा रहे थे कि चार लोग अचानक घेरकर हमला बोल दिया। संजीत की कितनी बेरहमी से हत्या की गई इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि उसके शरीर पर धारदार हथियार से हमले के 50 निशान पाए गए हैं। वहीं भाजपा का कहना है कि केरल में कई दशकों से हिंदू संगठनों को निशाना बनाया जा रहा है।

वहीं लोगों का व्यपाक विरोध को देखते हुए इस बर्बर हत्याकांड के आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए एसपी ने स्पेशल टीम बनाई है जो मामले की जांच शुरू कर दी है। पुलिस के अनुसार संजीत के खिलाफ एसडीपीआई के कार्यकर्ताओं के साथ झड़प से संबंधित मामले दर्ज किए गए थे।

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