कुम्भ सफल हो झण्डा लेकर
थैला थाली और गिलास।
स्वच्छ कुम्भ का परिसर सारा
सुरक्षित पर्यावरण विकास।।

गांव गांव में करें जागरण
नव चैतन्य का ले प्रकाश।
घर से चलें साथ में लेकर
थैला थाली और गिलास।

कुम्भ गए स्वयं हित लेकर
अबकी बार कुम्भ हित जाएं।
गंगा निर्मल स्वच्छ कुम्भ हो
ज़न ज़न में ये भाव जगाएं।।

बूंद बूंद से घट भर जाता
व्यक्ति व्यक्ति से जगे समाज।
बनें पुरोधा संकल्पबान हम
स्वच्छ कुम्भ का ले आगाज।।

बृजेंद्र पाल सिंह
(राष्ट्रीय संगठन मंत्री लोकभारती)

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