कानपुर: पुलिस का शालीन चेहरा कभी-कभार देखने को मिलता है, लेकिन बर्बर चेहरा अक्सर सामने आ जाता है। शायद यही वजह है कि पुलिसवालों को वह सम्मान नहीं मिल पाता, जो उन्हें मिलना चाहिए। बर्बरता और संवेदनहीनता के मामले में कानपुर पुलिस कुछ ज्यादा आगे है। कानपुर पुलिस का इसी तरह का बर्बर चेहरा सामने आया है, जहां एक दरोगा गोद में लिए बच्ची के पिता पर लाठियां बरसा रही है। हालांकि सोशल मीडिया में वीडियो वायरल होने के बाद दरोगा को सस्पेंड कर दिया गया है। कानपुर के एसपी ने बताया कि मामले की निष्पक्षता बनाए रखने के लिए दरोगा को सस्पेंड कर दिया गया है।

बता दें कि सोशल मीडिया में एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें गोद में बच्ची लिए पिता पर पुलिसवाले लाठियां बरसाते नजर आ रहे हैं। पिता पुलिसवालों के सामने गिड़गिड़ा रहा है कि साहब, मत मारो, बच्ची को लग जाएगा। दरोगा के साथ मौजूद पुलिसकर्मी संवेदनहीनता की सारी हदें पार करते हुए न सिर्फ लाठियां बरसा रहे हैं, बल्कि बच्ची को गोद से छीनने का भी प्रयास करते हैं। वीडियो के सोशल मीडिया में वायरल होने के बाद लोग पुलिकर्मियों की कार्य प्रणली पर सवाल उठने लगे हैं। लोग सवाल पूछ रहे है कि जब सुप्रीम कोर्ट स्पष्ट कर चुका है कि बच्चों के सामने पुलिस का शालीनता बरतनी चाहिए, तो इतनी घिनौनी हरकत क्यों?

पुलिस की बर्बरता का यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद महकमे में भी हड़कंप मच गया। एसपी ने मामले की जांच सीओ से कराने की बात कही है। बता दें कि कुछ मामलों को लेकर कर्मचारी नेता रजनीश शुक्ल की अगुवाई में कर्मचारियों ने अस्पताल का ओपीडी बंद कर काम को ठप कर दिया था। सीएमएस डॉ. वंदना सिंह की सूचना पर मय फोर्स के साथ पहुंचे अकबरपुर कोतवाल विनोद मिश्र से रजनीश शुक्ल उलझ गए। इस पर पुलिसकर्मियों ने कर्मचारियों पर लाठियां बरसानी शुरू कर दी। इस दौरान एक कर्मचारी एक बच्ची को अपनी गोद में लिए हुआ था, लेकिन पुलिसकर्मियों ने उसको भी नहीं बख्सा।

इसे भी पढ़ें: लव जिहाद: मनीष बनकर छात्रा का किया रेप

बता दें कि कर्मचारी मेडिकल कॉलेज परिसर में बन रही यूनिट के लिए खोदी जा रही मिट्टी को बेचे जाने का विरोध कर रहे थे। कर्मचारियों को कहना है कि खुदाई की वजह से उड़ने वाली धूल के चलते उनके बच्चे बीमार हो रहे हैं और मिट्टी का ढेर लगने से उन्हें आवास तक आने जाने में दिक्कत हो रही है। कर्मचारियों ने गुरुवार को सीएमएस को ज्ञापन सौंपने के बाद ओपीडी में तालाबंदी कर प्रदर्शन शुरू कर दिया। इससे अस्पताल पहुंचे मरीजों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा और बिना इलाज के वापस लौटना पड़ा। प्रदर्शनकारी कर्मचारियों को समझाने पहुंची पुलिस से ये लोग उलझ पड़े, जिसके चलते पुलिस को बल प्रयोग करना पड़ा। हालांकि गोद लिए बच्ची के पिता के साथ पुलिस के वर्ताव से हर कोई गुस्से में है।

इसे भी पढ़ें: मिशन शक्ति के तहत किया गया जन-जागरूकता कार्यक्रम

Spread the news