Kanpur News: उत्तर प्रदेश में योगी राज की पुलिस (UPPolice) अपने काम से ज्यादा कारनामों को लेकर चर्चा में बनी रहती है। हालांकि यूपी पुलिस अपने कामों को लेकर अक्सर विवादों में रहती है। वहीं सोशल मीडिया के आने से वह भी कारनामे सामने आने लगे हैं, जिसपर अधिकारी अक्सर पर्दा डाल देते थे। यूपी की कानपुर पुलिस (Kanpur Police) कुछ ज्यादा चर्चा में रहती है, इसी क्रम में सोशल मीडिया पर एक पत्र वायरल हो रहा है, जो कानपुर पुलिस (Kanpur Police) में व्याप्त भ्रष्टाचार को उजागर कर रहा है। सोशल मीडिया में वायरल हो रहे पत्र के मुताबिक कानपुर में ड्यूटी लगाने के नाम पर पुलिसकर्मियों से वसूली की जाती है।

गौरतलब है कि पिछले दिनों डायल 112 में एडीसीपी स्तर के अधिकारियों पर वसूली का आरोप लगा था। इतना ही नहीं पुलिसकर्मियों ने सवाल उठाते हुए वसूली पर्चों को भारतीय जनता पार्टी (BJP) के दफ्तर और कई प्रमुख स्थानों पर चस्पा कर दिया था। मामले को तूल पकड़ता देख आला अधिकारियों ने संज्ञान लेते हुए इस मामले पर कार्रवाई करते हुए सभी आरोपी पुलिसकर्मियों को उनके पदों से हटा दिया था। वहीं अब कानपुर पुलिस आयुक्त बीपी जोगदंड से शिकायत करने वाला एक और पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इस पत्र में पुलिस विभाग के ही किसी ने अभियोजन कार्यालय में हो रही रिश्वतखोरी और भ्रष्टाचार पर सवाल खड़े किए हैं।

ड्यूटी लगाने को लेकर रिश्वतखोरी का आरोप

सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे पत्र के मुताबिक, उसका कहना है कि अभियोजन कार्यालय में काम करने वाले कुछ पुलिसकर्मी ड्यूटी को लगाने और हटाने के नाम पर पैसों की वसूली करते हैं। इतना ही नहीं ड्यूटी लगाने में भी मनमानी की जाती है, जिसकी जहां चाहते हैं, उसकी ड्यूटी लगाते हैं और जिसकी नहीं चाहते उसकी ड्यूटी नहीं लगाते। यह भी आरोप लगाया गया है कि शांति भंग व्यवस्था को बनाए रखने के लिए चुनिंदा पुलिसकर्मियों को ड्यूटी पर भेजा ही नहीं जाता। जबकि जो पैसा देने से मना कर देता है, उसकी ड्यूटी हमेशा लगी रहती है।

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इस पत्र के वायरल होने के बाद पुलिस के आला अधिकारी सतर्क नजर आ रहे हैं। मामले में एडिशनल सीपी आनंद कुलकर्णी के मुताबिक वायरल पत्र की सत्यता की जांच के लिए टीम गठित किया जा रहा है। जांच में जो भी दोषी मिलेगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। पुलिस सूत्रों के मुताबिक जिन चार पुलिसकर्मियों पर मनमानी के आरोप लगे हैं, उनमें शिशुपाल सिंह, दीपक यादव, शैलेंद्र सिंह और अनीता यादव का नाम शामिल है। पत्र में इन पुलिसकर्मियों को भ्रष्ट करार देते हुए उन पर कार्रवाई की मांग की गई है।

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