आज मीनू के साथ उसकी बेटी 16 वर्षीया ज्योति को घर का चौका बर्तन करते देख गौरी ने बोला- क्या मीनू तू इसे भी अपना ही काम सिखाएगी। कुछ और नहीं करेगी यह। नहीं भाभी… इसे मैं सिलाई सीखने भेज रही हूं, आज सिलाई स्कूल बंद है, इसलिए मेरे साथ आ गई है।

काम सीख जाएगी तो किसी टेलर के यहाँ लगवा दूँगी, काम की बारीकियाँ अच्छी तरह सीख जाएगी। कैसे बड़े लोगों के कपड़े सिलते हैं। अगर वह पैसे न भी दे ज़्यादा तो भी वहाँ काम कर के एक अच्छी लेडीज़ टेलर तो बन ही जाएगी। यह तो तूने बड़ा अच्छा सोचा है इस काम में आजकल बहुत पैसा है।

जी भाभी सोचा तो है बस ये सपना पूरा हो जाये ये दुआ कीजिएगा। मैं नहीं चाहती कि अपने घर का खर्च चलाने के लिए इसे भी आठ घरों में झाड़ू पोछा, बरतन करना पड़े। मेहनत करेगी तो अवश्य पूरा होगा तुम दोनों का सपना। गौरी ने कहा- कुछ हफ्ते बाद ज्योति अकेले ही काम पर आई एक दिन। उसने बताया माँ बीमार है, फिर तेरे सिलाई स्कूल के आज के क्लास का क्या होगा। कहाँ जा पा रही हूँ आँटी जी, पापा ने मना कर दिया। महीने के बारह सौ लग रहे थे इतने पैसे माँ बचा नहीं पा रही थी, पिछले महीने फीस नहीं दी तो उन लोगों ने नाम काट दिया।

कितने रुपये तो माँ से छीन कर पापा ही उड़ा देते हैं शराब में। पर मेरे सिलाई सीखने के लिए नहीं देने देंगे। रुआँसी सी हो गयी ज्योति। तू सचमुच सीखना चाहती है सिलाई…गौरी ने पूछा- जी आँटी। पूरे लग्न से सीखेगी, जिससे टीचर को भी तुम पर गर्व हो। जी आँटी, पर पैसे कहाँ से आएंगे।

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मैं दूँगी, कितने महीने का कोर्स है। तीन महीने का। पर उसमें से एक महीने का हो गया है। ठीक है, अब दो माह की फीस तुम मुझसे ले जाना ये लो बारह सौ रुपए, इस महीने के। अगले महीने का भी टाइम से ले लेना मुझसे। अब सीधे वहीं जाओ और फीस भरो गलत हाथों में न पड़े पैसा।

“ठीक है आँटी, थैंक यू आँटी… वह समझ नहीं पा रही थी कि शुक्रिया कैसे अदा करे। इस बात को आज तीन महीने हो गए। आज फिर ज्योति आई है अपनी माँ के साथ। पर आज बरतन मांजने नहीं बैठी। सीधे गौरी के पास आई। आँटी जी… आज मैं आपके लिए तोहफा लाई हूँ। कह कर उसने गौरी को एक लिफाफा पकड़ाया।

क्या है इसमें…कहते हुए गौरी ने उसे खोला। देखा तो उस पैकिंग मे एक बेहद खूबसूरत चूड़ीदार सूट रखा था। बिल्कुल मंहगी पड़ी, दुकानों जैसा… आँटी जी पहन के देखिए न, मैंने सिला है। इसे आपके लिए, बिल्कुल फिट आयेगा। मैंने आपके कपड़ों से नाप ले लिया था। जो अक्सर आप मम्मी को देती है पहनने को। गौरी ने उसे अपने ऊपर लगाकर ज्योति को दिखाया और भीगी आँखों से उसे लाखों आशिर्वाद दिए। आज उसकी की एक भलाई ने किसी का जीवन किसी की तकदीर बदल दी थी।

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