Independence Day 2022: भारत की आजादी के 74 साल पूरे हो गए है और देश स्वतंत्रता दिवस की 75वीं वर्षगांठ पर अपनी आजादी का अमृत महोत्सव (Azadi Ka Amrit Mahotsav) बड़े धूमधाम से मना रहा है। बता दें कि आजादी के इन 75 सालों में देश में बहुत बड़ा बदलाव आया है। आजादी के समय देश की आबादी महज 34 करोड़ थी जो अब करीब 140 करोड़ हो चली है। ऐसे में खेती किसानी से लेकर हेल्थ, एजुकेशन, समेत अन्य मामलों में भारत में कितना बदलाव आया, इसको एक रिपोर्ट के जरिए जानते हैं।

हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर कितना मजबूत हुआ

हेल्थ सेक्टर में भारत ककी हाल की उपलब्धि ने पूरी दुनिया को चौका दिया। कोरोना काल में भारत ने आगे आकर जो प्रतिनिधित्व किया उसकी कायल पूरी दुनिया बन गई है। हाल ही में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की हुई एक बैठक में कोरोना महामारी का हवाला देते हुए जीवन प्रत्याशा (Life Expectancy) में बीते 20 वर्षों में आए बदलाव की जानकारी साझा की गई। आजादी के बाद से अब तक बाल मृत्यु दर और औसत आयु में हालात काफी बेहतर हुए हैं। बैठक में WHO ने कोरोना महामारी की चुनौतियों के बीच दुनिया के सभी देशों को अपना हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर मजबूत करने की जरूरत पर जोर देने को कहा है।

हालांकि भारत भारत ने इस क्षेत्र में बड़ी सफलता हासिल की है। आजादी के समय यानी 1947 से 2022 की तुलना करें तो तब देश में 30 मेडिकल कॉलेज ही थे, लेकिन अब करीब 550 मेडिकल कॉलेज हैं। वर्ष 1947 में कुल 2,014 सरकारी अस्पताल थे और अब इनकी संख्या साढ़े 23 हजार से अधिक है। डॉक्टरों की संख्या भी काफी बढ़ी है। आंकड़कों के मुताबिक इस समय देश में 1,313 आबादी पर एक डॉक्टर है। WHO के अनुसार, हर एक हजार आबादी पर एक डॉक्टर होना पर्याप्त है।

इसे भी पढ़ें: बच्चों को मीडिया साक्षर बनाने की जरूरत

तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था और GDP

किसी भी देश की आर्थिक स्थिति कैसी है, उसे जानने का पैमाना है उस देश की जीडीपी यानी ग्रॉस डेमोस्टिक प्रोडक्ट पर निर्भर करता है। कहा जाता है कि अंग्रेज जब में भारत आए थे, तब दुनिया की जीडीपी में भारत की हिस्सेदारी 22% से अधिक थी। लेकिन जब 1947 में देश आजाद हुआ तब ये हिस्सेदारी घटकर महज 3% रह गई। वर्ष 1947 में देश के आजाद होने के बाद से हमारी जीडीपी 50 गुना की बढ़ोतरी हुई। वर्ष 1950-51 में जीडीपी का आंकड़ा 2.93 लाख करोड़ रुपये था, जो कि साल 2020-21 में 134 लाख करोड़ से अधिक होने का अनुमान है। आज पूरी दुनिया महंगाई की मार झेल रही है। इन सकबे बीच भारत महंगाई के बावजूद चालू वित्त वर्ष (Current Financial Year) के दौरान दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था वाला देश बनने की ओर अग्रसर है।

8.5% रहेगी विकास दर

अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (International Monetary Fund) की वर्ल्ड इकोनॉमिक आउटलुक रिपोर्ट (World Economic Outlook Report) के मुताबिक, केंद्र की मोदी सरकार के रणनीतिक सुधारों और कोरोना टीकाकरण अभियान में तेजी के चलते दुनिया के अन्य देशों के मुकाबले भारतीय अर्थव्यवस्था (Indian Economy) तेजी से आगे बढ़ रही है। इसके मुताबिक भारत 2022 में 8.5 प्रतिशत की वृद्धि दर के साथ दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था बना रहेगा। आंकड़ों के मुताबिक वर्ष 2022 में भारत को छोड़कर किसी भी अन्य देश में यह वृद्धि दर 6 प्रतिशत से अधिक नहीं हो पाने का अनुमान है। भारत आर्थिक विकास दर के मामले में चीन और अमेरिका को काफी पीछे छोड़ चुका है।

इसे भी पढ़ें: महापुरुषों की प्रतिमाओं पर माल्यार्पण

Spread the news