

ब्रिटेन में पाकिस्तानी मुसलिम गिरोहों ने अंग्रेज लड़कियों के यौन शोषण कोलेकर बड़ा राजनीतिक संकट खड़ा कर डाला है। जिस तरह यह समस्या कई दशकों से भारत के हिन्दुओं को सारे संसार में अपमानित और बर्बाद कर रही है। उसी तरह इंग्लैण्ड के ईसाइयों को अब तक का सबसे गहरासामाजिक घाव झेलना पड़ रहा है। अपनी शाही प्रतिष्ठा और तेवरों के लिए संसार मेंलगभग दो शताब्दी से धाक जमाने वाले देश इंग्लैण्ड को यह दुर्दिन दिखाने का सीधा आरोप पाकिस्तानी मुसलमानों के माथे पर लगा है। पर इंग्लैण्ड में बसे पाकिस्तानी मुसलमान इन आरोपों पर ठहाके लगाकर हंसते हुए अंग्रेजों की खुलकर खिल्ली उड़ा रहे हैं। अंग्रेज सरकार लज्जित तो है पर अभी तक गूंगी और बहरी बनकर सब सह रही है। ब्रिटेन सरकार इसे सामाजिक समस्या कहती है, तो कभी सोच में पड़ कर नया बहाना खोजती है। इसी बात पर पूर्व प्रधानमंत्री ऋषि सुनक की सरकार को बलिदान होना पड़ा। अब वर्तमान प्रधानमंत्री कीर स्टारमर पर राजनीतिक आफत मण्डराने लगी है।
अमेरिकी अरबपति एलन मस्क ने तो फब्तियों कसते हुए ब्रिटिश प्रधानमन्त्री कीर को पद से हटाकर जेल भेजने की बात कहकर और हल्ला मचा दिया है। मस्क ने ब्रिटेन की राजशाही से अपेक्षा की है कि दसियों हजार ईसाई लड़कियों को गर्भवती करके उनको नरक का जीवनजीने के लिए छोड़ दिया गया है। ब्रिटेन की पुलिस के पास दो लाख से अधिक प्राथमिक सूचनाएं दर्ज हैं, जिनमें 13 से 17 साल या अधिक उम्र की लड़कियों को गर्भवती करके अथवा बार-बार बलात्कार करके ग्रूमिंग गैंग के अपराधियों ने दुर्दशा ग्रस्त जीवन की गलियों में धकेल दिया। ऐसी बहुत सी लड़कियां इन गिरोहों द्वारा मारी जा चुकी हैं। लूसी लोव नाम की लड़की को दूसरी बार प्रताड़ित करके गर्भवती किया गया, फिर उसके घर में आग लगाकर मार दिया गया। इस काण्ड में उसकी दो बहनें भी जल गयीं।
पुलिस ने पाकिस्तानी मूल के अजहर को पकड़ा तो ऐसे अपराधों की शिकार 50 हजार लड़कियों की दर्दभरी कहानियां सामने आयीं। इन अपराधी गिरोहों को ग्रूमिंग गैंग कहा जाता है। यह संगठित मुसलिम युवकों के गिरोह पूरे यूरोप में फैलते जा रहे हैं। ग्रूमिंग गैंग की एक और सच्चाई सामने आ चुकी है। यह और चौंकाने वाली बात है कि मुख्यतया यह ग्रूमिंग गैंग पाकिस्तानी मूल के ब्रिटेन में पाँव जमा चुके मुसलमानों द्वारा चलाये जा रहे हैं। जो अपने बचाव के लिए अपराधी वृत्ति के कुछ ईसाई युवकों को साथ रखते हैं।
क्या है ग्रूमिंग गैंग
ग्रूमिंग गैंग के सदस्य इस्लामी संगठनों के आकाओं के निर्देश पर बने हैं। इन गिरोहों में ऐसे युवकों को सम्मिलित किया जाता है जो शारीरिक बनावट में सशक्त होते हैं तथा लड़कियों को आकर्षित करने में निपुण होते हैं। इस्लामी संगठनों के नेता इन्हें न केवल धन उपलब्ध कराते हैं। किसी संकट की स्थिति में उनका बचाव करने के लिए अपनी शक्तियों का प्रयोग करते हैं। इन गिरोहों के सदस्य सबसे पहले सोशल मीडिया के प्लेटफार्मों पर लड़कियों को आकृष्ट करते हैं। उन्हें अपनी लुभावनी बातों में फंसाने के साथ अश्लील चित्र भेजने और मंगाने का सिलसिला प्रारम्भ करते हैं। सम्पर्क में आयी लड़कियों को ऐसे केन्द्रों में ले जाते हैं। जहाँ उन्हें मादक पदार्थों के माध्यम से ऐसी स्थिति में पहुँचा दिया जाता है कि वह समझ ही नहीं पाती कि उनके साथ कब यौनाचार हो गया।
उनके अश्लील चित्र और वीडियो उन्हें बार-बार बुलानेऔर मन चाही स्थिति में उनका यौन शोषण करने का माध्यम बन जाते हैं। इन गिरोहों का उद्देश्य चुनिन्दा लड़कियों को इस्लाम में शामिल करके निकाह करना फिर उन्हें दूसरे देशों में पहुँचा कर बेच देना भी होता है। कुछ ईसाई परिवार ऐसे होते हैं जो इस कुचक्र में फंसी लड़की से नाता तोड़कर उसे सदा के लिए गिरोह के जाल में छोड़ देते हैं।
इंग्लैण्ड की सरकारों की हिचक का कारण
इन गिरोहों के बचाव के लिए कई पाकिस्तानी मूल के लेखकों ने कहा है कि इन घटनाओं की जब जॉच होती है तो ब्रिटिश नागरिक ईसाई युवकों के भी नाम मिलते हैं। ऐसे में केवल पाकिस्तानियों को इन घटनाओं के लिए उत्तरदायी बताना ठीक नहीं है। दोष देना है तो सभी कानाम लेना चाहिए। इन गिरोहों के पक्ष में यह बात भी कही जा रही है कि इस्लाम में युवकों को किसी वर्ग की लड़की से यौन सम्बन्ध बनाने की छूट होती है। हमारे लिए यह अपराध नहीं है। क्योंकि लड़की स्वेच्छा से पास आती है। ब्रिटेन पुलिस कहती है कि गिरोह के अपराधी अबोध गोरी लड़कियों को ड्रग्स अर्थात नशे की लत में फंसाकर उनके अश्लील वीडियो और चित्र बना लेते हैं। ब्रिटेन की पूर्ववर्ती ऋषि सुनक सरकार और वर्तमान स्टारमर सरकारपर पाकिस्तानी मुसलमानों के ग्रूमिंग गिरोहों को कुचलने और उन्हें ब्रिटेन से बाहर करने के लिए भारी सामाजिक दबाव पड़ रहा है।
ऋषि सुनक ने प्रधानमन्त्री रहते दावा किया था कि जितने पाकिस्तानी मुसलिम ऐसी घटनाओं में लिप्त पाये जाएंगे उन्हें देश से खदेड़ दिया जाएगा। पर चुनाव में उन्हें हार मिली। तब यह माना गया कि एक ओर जहाँ ईसाई समाज ने विफलता का दण्ड दिया वहीं मुसलिम मतदाताओं ने उनकी नीति का विरोध किया। ऋषि सुनकऔर अब कीर स्टारमर इस बात से डर रहे हैं कि पाकिस्तानी मुसलमानों के विरुद्ध कार्रवाई करने पर उन्हें नस्लीय भेदभाव के आरोप का सामना करना पड़ सकता है। उनकी सरकार की एक महिला मन्त्री ने इस आशंका को निराधार बताते हुए कहा है कि यदि यौन शोषण की घटनाएं नहीं रोकी जा सकीं तो सम्पूर्ण ईसाई समाज में भीषण आक्रोश पनप सकता है। ऐसी दशा मेंअपराधों की गम्भीरता विचार करना ही होगा।
मस्क ने ढाई लाख लड़कियों के मामले उठाये
इस बीच एलन मस्क ने कीर स्टारमर सरकार के समक्ष 250000 (ढाई लाख) ईसाई लड़कियों के यौन शोषण के मामले प्रस्तुत करते हुए पूछा है कि क्या इनको असत्य सिद्ध करने का कोई साक्ष्य उनकी सरकार के पास है। मस्क का यह आरोप भी है कि यह सिलसिला बहुत तेजी से सारे ब्रिटेन में फैल चुका है। ब्रिटेन की मीडिया में सारे यूरोपीय देशों की भांति कम्युनिज्म समर्थकों का प्रभाव अधिक है। जैसा कि भारत में समय-समय पर प्रकट रूप से परिलक्षित होता है। इनके प्रभाव के चलते ग्रूमिंग गैंग के अपराधों को ब्रिटेन के ब्लॉगर और अन्य सोशल मीडिया कर्मी स्वतन्त्र रूप सेउजागर करते आ रहे हैं। ब्रिटेन की सरकार अभी तक नस्लीय दोष के भय के कारण मौन साधते हुए चतुर्दिक उठरही आलोचनाएं सहन कर रही है। प्रधानमन्त्री कीर असमंजस में उलझे हुए हैं। उधर एलन मस्क इसे पूरे ईसाई जगत की सबसे गम्भीर समस्या मानकर लड़ाई में कूद पड़े हैं। अन्य यूरोपीय देश भी अपने यहांग्रूमिंग गैग की उपस्थिति से घबराए हुए हैं।
भारत में काफी समय से सक्रिय हैं ग्रूमिंग गैंग
एशिया में भारत ऐसा पहला देश है जहां मुसलमान युवकों द्वारा हिन्दु समाज के साथ संगठित रूप से ग्रूमिंग गैंग जैसा अपराध किया जा रहा है। भारत में इस मुद्दे को लव जिहाद का नाम दिया गया है। इसे हिन्दुओं के कई संगठनों विशेष रूप से आरएसएस और विश्व हिन्दू परिषद तथा बजरंग दल की ओर से दो दशक से अधिक समय से उठाया जा रहा है। परन्तु इसे रोकने में अभी तक कोई बड़ी सफलता नहीं मिली है। उत्तर प्रदेश में अपनी धुन के पक्के योगी आदित्यनाथ की सरकार ने जब कठोरता बरतने का रूप दिखाया तो मुसलमान युवकों के पक्षधर संगठनों ने लचर कानूनी प्रावधानों के माध्यम से हिन्दुओं के परिवारों की लड़कियों का गुपचुप मतान्तरण कराकर अपने उद्देश्य को आसान बना लिया। अब आम तौर पर पहले मुसलिम युवक हिन्दु परिवार की किसी लड़की से सोशल मीडिया के माध्यम से फंसा लेते हैं। फिर छद्म हिन्दु नाम से गहरे रिश्ते में जकड़ कर यौन सम्बन्ध में जकड़ लेते हैं। तब चंगुल में फंसी ऐसी लड़की पर इस्लाम स्वीकार करने का भारी दबाव पड़ता है। विवश लड़की को निकाह की सीमा में लेकर परिवार में जाने दिया जाता है।
भारत में मतान्तरण करके फंसायी जाती हैं लड़कियां
इसके बाद इस व्यूह रचना का अन्तिम चरण आता है।जो लड़की मुसलिम मजहब स्वीकार करके माता-पिताके घर रह रही होती है उसके यहां कोर्ट की नोटिस पहुंचती है। जिसमें माता-पिता पर बेटी का कथित मुसलिम शौहर आरोप लगाता है कि इसकी बीबी को परिवार के सदस्य बल पूर्वक कैद करके रखे हुए हैं। उसकी मुक्ति की मांग पर न्यायालय बन्दी प्रत्यक्षीकरण का आदेश देते हुए अपने समक्ष उपस्थित करने का आदेश देता है। न्यायालय में वह मुसलिम युवक परिवार के साथ खड़ा होता है। जो पहले से उस लड़की को धमका कर बता देता है कि यदि अपने माता-पिता को कैद करने का दोषी बताते हुए यह बयान नहीं दिया कि उसने स्वेच्छा अर्थात बिना किसी दबाव के इस्लाम स्वीकार करके निकाह किया है तो बहुत बुरे परिणाम भुगतने पड़ेंगे।
लड़की को धमकाते समय अश्लील चित्रों और वीडियो सामने लाने की बातें कही जाती हैं। भारत के अनेक राज्यों में यही प्रैक्टिस दसियों वर्षों से हिन्दुओं की लड़कियों के साथ चली आ रही है। अनेक राज्यों के ऐसे उदाहरण सामने आ चुके हैं जहां फंसने के बाद विरोध करने वाली अनेक लड़कियों को बहुत जघन्य मौत का सामना करना पड़ा। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि जॉच अधिकारियों को ऐसे किस्से पता चलते हैं कि संगठित गिरोह उन वीभत्स घटनाओं के वीडियो रखते हैं। जो ऐसी लड़कियों को डराने के काम आते हैं।
मतान्तरण की जकड़न में उलझा हिन्दु समाज
पुलिस अधिकारी यह मानते हैं कि भारतीय परिवार ब्रिटेन की तरह खुलकर अपनी बात नहीं बताते। यदि परिवार के लोग पुलिस को मिलकर सच्चाई बताएं तो लड़कियों को प्रारम्भ में बचाया जा सकता है। सबसे बड़ा रोड़ा हिन्दुओं के परिवारों के लिए मतान्तरण की खुली छूट का है। कोई मुसलिम लड़का मतान्तरण करके कभी हिन्दु परिवार में सम्मिलित नहीं होना चाहता। पर हिन्दुओं को बड़ी सहजता से मतान्तरण किया जा सकता है। ईसाई हो या मुसलिम यहां तक कि बौद्ध पन्थ में भी हिन्दुओं को धड़ल्ले से मतान्तरण किया जा रहा है। बौद्ध भिक्षु भी हिन्दुओं की अनेक जातियों को बहकाकर मतान्तरण कर रहे हैं। बौद्धों द्वारा मतान्तरण परिवारों को कहा जाता है कि वह समस्त हिन्दु मान्यताओं, देवी देवताओं, पूजा पद्धतियों से दूरी बना लें।
ऐसे मतान्तरण के लिए मुख्य रूप से दलित और जनजातीय समाज को घेरा जाता है। हिन्दुओं की समर्थक पार्टियों के नेता बौद्ध मतान्तरण पर चुप्पी साधने को विवश रहते हैं। अनेक हिन्दु संगठनों के नेताओं और विचारकों का मानना है कि बौद्ध पन्थ के प्रवर्तक गौतम बुद्ध को हिन्दु संस्कृति में एक अवतार की संज्ञा प्राप्त है। ऐसी स्थिति में बौद्ध परम्पराओं को मानने वाले हिन्दु संस्कृति का ही अंग हैं। भले ही वह हिन्दुओं की तरह मूर्ति पूजा और अन्य बातों पर विपरीत मत रखते हैं फिर भी उन्हें हिन्दु समाज से पृथक नहीं माना जा सकता। बौद्ध मतावलम्बी भारतीयता और राष्ट्रीयता के मसले पर साथ खड़े रहते हैं। जबकि इस्लाम और ईसाई संगठनों के द्वारा किया जा रहा मतान्तरण राष्ट्रीयता के विरुद्ध है। ईसाई रिलीजन और मुसलिम मजहब का विस्तार मुख्यतया राष्ट्रीय एकात्मता को तोड़ने वाला कुचक्र है। इसीलिए इस्लाम मजहब और ईसाई रिलीजन में मतान्तरित हिन्दु समाज के लोग राष्ट्रीयता को भंग करते हैं। इन दोनों को मतान्तरण को कानूनी छूट होने को लाचारी से देखने केअतिरिक्त कुछ करने में स्वयं को असमर्थ मानते हैं।
लव जिहाद भारत के हिन्दुओं के लिए विकट समस्या
भारत में मतान्तरण और हिन्दु लड़कियों के यौन शोषण के कुचक्र को अभी तक बहुत गम्भीरता से नहीं लिया गया। वास्तविकता यह है कि लव जिहाद शब्द इस सन्दर्भ में अपर्याप्त है। भारत में तो ब्रिटेन से पहले ग्रूमिंग गैंग इस अपराध में लगे हैं। अभी तक न तो किसी सामाजिक संगठन ने इस विकट समस्या पर शोध पूर्ण अध्ययन की आवश्यकता समझी है और न ही मतान्तरण के साथ हिन्दु लड़कियों के यौन शोषण के मसले को गम्भीरता से लिया गया है। जबकि भारी संख्या में प्रतिदिन ऐसे अपराध पूरे देश में हो रहे हैं। विडम्बना यह है कि लव जिहाद के विरुद्ध नारेबाजी के अतिरिक्त जितने कानूनी प्रावधान किये गये हैं उनकी काट सीधे कानूनों में उपलब्ध है। भारत का इस्लामीकरण करने के लिए हिन्दुओं की लड़कियों को बच्चे पैदा करने की मशीनों के रूप में प्रयोग किया जा रहा है।
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घोर अत्याचारों के कुचक्र में बिना परखे प्रेम की भूल करने वाली हिन्दुओं के परिवारों की लड़कियों के नरकीय जीवन की कहानी निकाह के वैध ठहराये जाने के बाद प्रारम्भ होती है। जिस मुसलिम युवक द्वारा ऐसी लड़की को फंसाया जाता है वही उसका चरित्र हनन दूसरे युवकों से बल प्रयोग करके कराता है। फिर तलाक देकर दूरस्थ किसी मुसलिम परिवार के हाथों बड़ी थाती लेकर बेच देता है। यह सब बातें किसे नहीं पता है। जो भी कहता है कि हमें नहीं मालूम वह हिन्दुओं को ही नहीं अपने आपको धोखा दे रहा है। सभी की चिन्ता यह जताती है कि भारत में हिन्दुओं के परिवारों पर मतान्तरण की तलवार आखिर कब तक लटकती रहेगी। कानून की जकड़न के बहाने की यह चट्टान कब ढहाई जाएगी।
(लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं।)
(यह लेखक के निजी विचार हैं।)
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