Gorakhpur News: वैदिक काल से कला का प्रकृति के साथ अद्भुत समन्वय रहा है। बच्चों में रंगोली के माध्यम से प्रकृति और वन्य जीव संरक्षण के प्रति जागरूकता का संदेश अद्भुत है। शहीद अशफाक उल्ला खां प्राणी उद्यान के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. योगेश सिंह ने दीप्तिमान संस्कृति फाउंडेशन और एस आर्ट के संयुक्त तत्वावधान में रंगोली कार्यशाला के समापन समारोह में विधार्थियों को शुभाशीष देते हुए कहा। नियो एंबियंस एकेडमी तारामंडल के बच्चो द्वारा शहीद अशफाक उल्ला खां प्राणी उद्यान में भव्य रंगोली बनाकर अपनी सृजन शीलता से वन्य जीव संरक्षण का संदेश दिया। समापन समारोह में नियो के प्रधानाचार्य रोशन ने कहा की कला के माध्यम से हम अपने भीतर छिपी सृजन पुंज को निखार सकते है।

रंगोली प्रशिक्षण कार्यशाला से बच्चों में आत्मविश्वास का संचार हुआ। रंगोली विशेषज्ञ और एस आर्ट के निदेशक शिवम गुप्ता ने बच्चों को प्रोत्साहित करते हुए रंगोली के तकनीकी स्वरूप से परिचित कराते हुए कहा कि रंगोली भारतीय संस्कृति की अनमोल थाती है। बच्चों में रंगोली के माध्यम से उनकी कल्पना को नई दिशा दिया जा सकता है। दीप्तिमान संस्कृति फाउंडेशन के मुख्य ट्रस्टी डा संदीप श्रीवास्तव ने कहा कि रंगोली हमारे संस्कार मांगलिक उत्सव से जुड़ा है। वैदिक काल से ही भारतीय संस्कृति में शुभ मांगलिक अनुष्ठान में रंगोली बनाने की तकनीक परंपरा समृद्ध रही है। कार्यशाला में नियो एंबियंस के दुर्गेश सिंह और ओमवीर सिंह ने कहा की रंगोली कार्यशाला से नवोदित विद्यार्थियों में नवाचार की परंपरा विकसित हुई है।

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तीन दिवसीय रंगोली कार्यशाला में रंगोली की पारंपरिक शैली से परिचित कराया गया है, जिससे बच्चों में सृजन कल्पना शीलता को नई उर्जा मिली है। कार्यशाला के समापन समारोह में भव्य रंगोली आकर्षण का केंद्र बनी रही सभी ने मुक्त कंठ से सभी की सराहना किया। कार्यशाला में सहप्रशिक्षक निधि जयसवाल, निकिता यादव, स्वप्निल मिश्रा, प्राची पाठक, दीपशिखा गुप्ता, रजनीश गोस्वामी, ईशान श्रीवास्तव ने विद्यार्थियों का मार्गदर्शन किया। कार्यशाला में प्रमुख रूप से रश्मि प्रजापति, कविता प्रजापति, सरिता प्रजापति, मंजूषा सिंह, पलक गुप्ता , वर्तिका यादव, श्रृष्टि, आराध्या मदेशिया, श्वेता विश्वकर्मा, नंदिनी विश्वकर्मा, आशी मिश्रा, स्वर्णिम सिंह, महिमा चौधरी, अनुष्का यादव, प्रद्युमन यादव, सोनू भारती, सुमित साहनी, शिवांगी यादव, आर्या सिंह, अविनाश दुबे, सोनाली, दिव्यांशी शर्मा, सुमित साहनी, आर्या शुक्ला, संस्कार दुबे, मिर्जा अरीब बेग,आराध्या यादव, साइना जायसवाल, सनोज, रुद्र प्रताप सिंह, अनमोल तिवारी, आराध्या शुक्ला, आर्यन त्रिपाठी, आयुष और पीयूष आदि ने प्रशिक्षण लिया।

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कार्यशाला में प्रमुख रूप से दीप्तिमान संस्कृति फाउंडेशन के मुख्य ट्रस्टी डॉ संदीप श्रीवास्तव, ट्रस्टी ऋतु ,शैवाल शंकर श्रीवास्तव, शुभेंद्र सत्यदेव, मून श्रीवास्तव, नवाज अहमद, अनू शुक्ला, गौरव गुप्ता, शीला शर्मा, ज्योति सिंह, रोशन, अशोक सिंह, कृतेश तिवारी, बृजेंद्र यादव, ओमवीर सिंह, अनामिका यादव, धीरज दुबे, शुभम श्रीवास्तव, संदीप आर्या, शुभम गुप्ता, स्वेता अस्थाना, अंकिता मैम आदि का सहयोग रहा।

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