प्रकाश सिंह

गोंडा: पहले कोरोना और अब डेंगू मानव जीवन के लिए संकट बन गया है। वर्ष 2020 के शुरुआत से करोना जहां पूरे देश में कहर बरसा रहा था, जो अभी पूरी तरह से खत्म भी नहीं हुआ है, वहीं अभी भी तीसरी लहर आने की संभावना के बीच प्रदेश अब डेंगू और वायरल बुखार की गिरफ्त में आ गया है। गोंडा जिले के लोग डेंगू और वायरल बुखार से कराह रहे हैं। वहीं अगर बात की जाए ग्रामीण क्षेत्र की तो ग्रामीण इलाकों का और भी बुरा हाल है।

अस्पताल में दवा लेने पहुंच रहे मरीजो से पहले करोना व डेंगू टेस्ट कराने के लिए कहा जाता है। डेंगू का कहर इस तरह छाया है कि अब तक पूरे प्रदेश में 100 से अधिक मौत हो चुकी है। भगवान कृष्ण की नगरी मथुरा में भी 15 से ज्यादा मौतें हो चुकी हैं। जबकि उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में भी ये आंकड़े कुछ कम नहीं हैं। 23 सितंबर को राजधानी लखनऊ में 22 नए मरीज मिले हैं। वहीं बुधवार को 16 व मंगलवार को 26 नए मरीज मिले। रोजाना ओपीडी में आने वालों में तेज बुखार की तादाद बढ़ती जा रही है। देखा जाए तो ओपीडी में रोज बुखार से 70-80 मरीज आ रहे हैं।

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अगर बात की जाए गोंडा जिला की तो यहां भी मरीजों की संख्या कुछ कम नहीं है। जिले में इस समय 5 मरीज डेंगू के आए हैं। वहीं जिले में वायरल बुखार, डायरिया, निमोनिया से ग्रस्त 4000 के करीब मरीज सामने आए हैं, जिनका स्वास्थ्य विभाग की देखरेख में इलाज चल रहा है। स्वास्थ्य महकमा इन बीमारियों से निपटने का दावा तो कर रहा है लेकिन जमीनी स्तर पर हालात पूरी तरह बेकाबू है।

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