प्रकाश सिंह

आगरा: भारतीय संस्कृति में दुश्मनों को भी महान बनाने की परंपरा रही है, शायद यही वजह है कि देश में खून की नदियां बहाने वाले, महिलाओं की आबरू लूटने वालों के नाम यहां सड़कें, इमारत आदि आज भी संरक्षित हैं। उनकी पहचान आज भी उनकी यादों को ताजा करती रहती है। हालांकि बीजेपी की सरकार बनने के बाद ऐसे आततायियों के नामों निशान को मिटाने का काम किया गया है। इस मामले में उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) सरकार सबसे आगे रही। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के कई शहरों व सड़कों का नाम यहां के गौरवशाली इतिहास के नाम से किया। इसी सिलसिले में आगरा (Agra) की एक सड़क का नाम बदल दिया गया है, इस सड़क का जिक्र प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी एक रैली में भी किया था।

आगरा (Agra) की इस सड़क का नाम ‘घटिया आजम खान’ (Ghatiya Azam Khan Road) था जो अब विश्व हिंदू परिषद (VHP) के दिवंगत नेता ‘श्री अशोक सिंघल मार्ग’ (Shri Ashok Singhal Marg) के नाम से जाना जाएगा। अशोक सिंघल का शहर से जुड़ाव होने के नाते इस सड़क का नाम उनके नाम पर कर दिया गया है। आगरा नगर निगम की बैठक में महापौर नवीन जैन की अध्यक्षता में इस प्रस्ताव को सर्व सम्मति से पास कर दिया गया है। महापौर नवीन जैन ने जानकारी देते हुए बताया कि ऐसे नाम दासता के प्रतीक थे। ऐसे में सड़क के नाम में किया गया यह बदलाव उस प्रक्रिया का हिस्सा है, जिसके तहत गुलामी के दौर से जुड़ी चीजों को नई पहचान दी जाने की कोशिश की जा रही है।

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क्यों पड़ा ‘घटिया आजम खां’ का नाम

आगरा शहर में ‘घटिया आजम खां’ (Ghatiya Azam Khan Road) नाम से एक मोहल्ला है। शहर के हरिपर्वत इलाके से सेंट जॉन्स कॉलेज की तरफ जीवनी मंडी की तरफ बढ़ने पर रास्ते में ‘घटिया आजम खां’ चौराहा पड़ता है। इतिहासकारों और पुराने जानकारों की मानें तो यहां पहले एक खूबसूरत घाटी थी। जहां बादशाह अकबर का वजीर मिर्जा अजीज कोका रहता था। अकबर ने मिर्जा अजीज को खान-ए-आजम का तमगा दिया था। बताया जाता है कि घाटी होने के नाते इस क्षेत्र का नाम बाद में बदल कर ‘घटिया आजम खां’ (Ghatiya Azam Khan Road) पड़ गया।

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