Flood in UP: लगातार हो रही बारिश और बांधों से छोड़े गए पानी की वजह से प्रदेश की लगभग सभी नदियां उफान पर हैं। वहीं नदियों के किनारे बसे गांव भीषण बाढ़ की चपेट में हैं। बाढ़ प्रभावित क्षेत्र के लोगों को बाढ़ की विभीषिका से बचाने के लिए प्रशासनिक अधिकारी हर संभव प्रयास कर रहे हैं। लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के साथ-साथ उनके खाने-पीने का पूरा प्रबंध किया जा रहा है। इन सबके बावजूद कटान में सैकड़ों एकड़ फसल के साथ कई लोगों के घर बह गए हैं। वहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए खुद निरीक्षण कर रहे हैं।

बाढ़ के चलते वाराणसी में मचे हाहाकार के बीच मुख्यमंत्री ने हवाई सर्वेक्षण कर बाढ़ की विनाशकारी लीला का देखा। उसके बाद एनडीआरएफ की नाव में सवार होकर बाढ़ का हाल जानते हुए पीड़ितों के बीच पहुंचे। इस दौरान उन्होंने बाढ़ पीड़ितों में हाथों से राहत सामग्री भी वितरित किया। हेलीकाप्टर से वाराणसी पहुंचे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सबसे पहले गंगा और वरुणा के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण किया।

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इसके बाद संपूर्णानंद यूनिवर्सिटी में बने हेलीपैड पर लैंड करके कार से भैसासुर घाट पहुंचे। वहां से नाव से गंगा से होते ही वरुणा नदी में बाढ़ का हाल जानने सरैयां तक गए। यहां पहुंचने के बाद वह आलिया गार्डेन गए और बाढ़ पीड़ितों का हाल जाना और हर संभव मदद को भरोसा दिया। उन्होंने कहा कि चिंता की कोई बात नहीं, आपदा की इस घड़ी में सरकार उनके साथ है। सभी प्रभावितों की हर संभव मदद की जाएगी। साथ ही अधिकारियों को दिशा निर्देश देते हुए लोगों की हर संभव मदद करने को कहा।

बता दें कि प्रदेश की अधिकतर नदियां खतरे के निशान को पार कर गई हैं। वहीं बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों से अधिकारियों की लापरवाही की खबरें भी आ रही हैं। कई ऐसे गांव हैं जहां के लोगों को आरोप है कि उन्हें अभी तक कोई प्रशासनिक लाभ नहीं मिल पाया है। घर पानी में डूब जाने की वजह से उनके सामने खाने पीने का घोर संकट खड़ा हो गया है।

बाढ़ में कागज की नाव की तरह बहा घर

बाढ़ के पानी की वजह से जारी कटान के चलते कई गावों का वजूद भी खतरे में आ गया है। वहीं मीरजपुर से एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसे देखकर हर कोई हैरान है। इस वीडियो में एक घर कागज की नाव की तरह बहता हुआ नजर आ रहा है। सोशल मीडिया में यह दृश्य तेजी से वायरल हो रहा है। पानी में यह घर नहीं बल्कि किसी का आशियाना, उसके सपने, उसका वजूद तरता हुआ नदी की धारा में समा रहा है।

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