प्रकाश सिंह

Difference in Rani, Maharani & Patrani: भारत में राजा-रानियों के किस्से काफी मशहूर हैं। कई ऐसे राजा रहे हैं, जिनका अमिट छाप सदियों से बना हुआ है। ये किसे कभी खत्म भी नहीं होने वाले हैं, क्योंकि राजा-रानियों पर बनी फिल्म सुपहिट रही हैं। राजा के साथ रानी, महारानी और पटरानी की बातें जुड़ी हुई हैं। लेकिन बहुत कम लोगों को इन तीनों के बीच का अंतर पता होगा। हम यहां रानी, महारानी और पटरानी के बीच के अंतर के बारे में बता रहे हैं।

रानी

बता दें कि जिस राज्य में राजा रहते थे, वहां उनकी पत्नी को रानी कहा जाता था। ऐसे में एक राजा अगर कई शादियां करता है तो उसकी सभी पत्नियों को रानी ही कहा जाएगा। राज्य में कई राजा हैं तो उनकी भी पत्नियों को भी रानी ही कहा जाएगा। जैसे किसी राजा के पांच बेटों को राजा कहा जाता है, वैसे उनकी पत्नियों को भी रानी कहा जाएगा।

महारानी

महारानी का नाम महाराजा के नाम से जुड़ा होता है। राज्य में कई राजा हो सकते हैं, पर वहां महाराजा केवल एक ही होगा। महाराजा के हाथ में सभी तरह के निर्णय लेने का अधिकार होता है। ऐसे में महाराजा की पत्नी को महारानी कहा जाता है। महाराजा ने अगर कई शदियां की हैं, तो उनकी सभी पत्नियों को महारानी ही कहा जाएगा। ज्ञात हो कि महाराजा को ही राज्य का सम्राट भी कहा जाता है।

पटरानी

कई ऐसे राजा हुए हैं, जिनकी कई शदियां की थीं और उनकी रानियां थीं। राजा के सभी पत्नियों को रानी कहा जाता है। मगर राजा या महाराजा की वह खास पत्नी जिससे उनका लगाव सबसे अधिक होता है, उन्हें पटरानी कहा जाता है। इसे इस तरह भी समझा जा सकता है कि राजा के साथ सिंहासन पर बैठने वाली रानी को ही पटरानी कहा जाता है। गौरतलब है कि किसी भी राज्य में राजा या महाराजा की पटरानी भी एक ही होती हैं।

इसे भी पढ़ें: राजा भैया, जिन्हें हर कोई चाहता है जानना

Spread the news