प्रकाश सिंह

कानपुर: कोरोना काल के दौरान स्वाथ्य विभाग अपने काम से ज्यादा कारनामों को लेकर चर्चा में बना हुआ है। कोरोना की पहली व दूसरी लहर के दौरान जहां जांच के नाम पर जमकर धांधलेबाजी की गई, वहीं अब संभावित तीसरी लहर की अशंकाओं के बीच वैक्सीनेशन में भी जबरदस्त फर्जीवाड़ा किए जाने का मामला सामने आ रहा है। उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा वैक्सीनेशन के दावों के बीच तमाम लोग ऐसे हैं, जिन्हें अभी भी पहली डोज नहीं लग पाई है। वहीं, स्वास्थ्य विभाग मृतकों को दूसरी वैक्सीन लगाने का सर्टिफिकेट जारी कर टारगेट पूरा करने में लगा हुआ है। कानुपर के हरबंस मोहाल की रहने वाली मुन्नी देवी अवस्थी (85) के निधन के बाद स्वास्थ्य विभाग ने वैक्सीन की दूसरी डोज लगा दी है। इतना ही नहीं वैक्सीनेशन पूरा होने का सर्टिफिकेट भी जारी कर दिया है।

इसी तरह शशि प्रभा को भी दूसरी डोज लगा दी गई, जबकि उनकी मौत हुए छह महीने से ज्यादा का वक्त बीत गया है। बता दें कि स्वास्थ्य विभाग की तरफ से कोरोना वैक्सीनेशन कवरेज के आंकड़े बढ़ाने के लिए यह घपलेबाजी की जा रही है। अब तक ऐसी तमाम शिकायतें सामने आ चुकी है कि बिना टीका लगे कई लोगों का सर्टिफिकेट जारी कर दिया गया है। वहीं कई लोग ऐसे भी हैं, जिन्होंने दूसरी डोज लगवा ली है, और सर्टिफिकेट पाने के लिए परेशान हैं।

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स्वास्थ्य विभाग की पोल खोलते हुए संजय अवस्थी ने बताया कि उनकी मां को 4 मार्च को उर्सला में पहली डोज लगी थी। दूसरी डोज लगने से पहले 3 मई को उनकी माता का निधन हो गया। 7 दिसंबर को उनके मोबाइल पर मैसेज आया कि मुन्नी देवी अवस्थी को कमाल खां के हाता सेंटर पर वैक्सीन की दूसरी डोज लग गई है। इसके अलावा पूर्ण वैक्सीनेशन का सर्टिफिकेट भी भेज दिया गया।

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