Constitution Day: संविधान दिवस (Constitution Day) के मौके पर संसद के सेंट्रल हॉल में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधनमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने बाबा भीमराव अंबेडकर, डॉ. राजेंद्र प्रसाद और महात्मा गांधी सहित देश के अन्य महानुभावों को याद किया। उन्होंने कहा कि कभी इस पवित्र जगह पर देश के कुछ लोगों ने भारत के कुशल भविष्य को लेकर महीनों तक मंथन किया था। देश ने आज ही के दिन आतंकी घटना का भी दंश झेला था। सुरक्षा बलों ने आतंकियों से लोहा लेते हुए अपनी लुटा दी थी। देश की आजादी के लिए जिन लोगों ने बलिदान दिया, उन सबको नमन।

प्रधानमंत्री ने कहा कि 26/11 की आतंकी घटना ऐसा दुखद दिवस है जब देश के दुश्मनों ने देश के अंदर घुसकर मुंबई में आतंकी घटना को अंजाम दिया। देश के कई जवानों ने आतंकियों से लोहा लेते हुए अपना जीवन समर्पित कर दिया। 26/11 के उन सभी बलिदानियों को भी मैं आदरपूर्वक नमन करता हूं। पीएम मोदी ने कहा कि हमारा संविधान अनेक धाराओं का संग्रह ही नहीं है, हमारा संविधान सहस्त्रों वर्ष की महान परंपरा, अखंड धारा, उस धारा की आधुनिक अभिव्यक्ति है।

उन्होंने ने संविधान दिवस की महत्ता र जोर देते हुए कहा कि संविधान दिवस को इसलिए भी मनाना चाहिए, क्योंकि हमारा जो रास्ता है, वह सही है या नहीं, इसका मूल्यांकन करने के लिए भी मनाना चाहिए। उन्होंने कहा कि बाबासाहेब की 125वीं जयंती थी, हम सबके लिए इससे बड़ा अवसर और क्या हो सकता है। बाबा साहब अंबेडकर ने देश को जो नजराना दिया है, उसको हम हमेशा एक स्मृति ग्रंथ के रूप में याद करते रहें। उन्होंने विपक्ष की मानसिकता का जिक्र करते हुए कहा कि वर्ष 2015 में सदन में मैं जब इस विषय पर बोल रहा था, उस दिन भी इसका विरोध हुआ था, कि 26 नवंबर कहां से ले आए, क्यों कर रहे हो, इसकी क्या जरूरत थी।

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उन्होंने कहा कि जब राजनीति दल अपने आप में लोकतांत्रिक चरित्र को खो देते हैं तो संविधान की भावना को भी चोट पहुंचती है, संविधान की एक एक धारा को भी चोट पहुंची है। जो दल खुद लोकतांत्रिक चरित्र को खो चुके हैं वह लोकतंत्र की रक्षा कैसे कर सकते हैं।

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